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Google LLC ने तर्क दिया कि भारत के डिजिटल मीडिया के लिए नए आईटी नियम उसकी सर्च इंजन पर लागू नहीं होंगे.
अमेरिका में आधारित Google LLC ने तर्क दिया कि भारत के डिजिटल मीडिया के लिए नए आईटी नियम उसकी सर्च इंजन पर लागू नहीं होंगे. कंपनी ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपने एक जज के आदेश को रद्द करने की अपील की, जो नियमों को कंपनी पर लागू करता है. कोर्ट इंटरनेट से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने से संबंधित मामले में सुनवाई कर रहा था.
एक महिला की आपत्तिजनक तस्वीर से संबंधित था मामला
जज का यह फैसला उस मामले में आया था, जिसमें कुछ शरारती तत्वों द्वारा एक पोर्नोग्राफिक वेबसाइट पर एक महिला की फोटोग्राफ अपलोड कर दी गई थीं और कोर्ट के आदेश के बावजूद कंटेंट को पूरी तरह वर्ल्ड वाइड वेब से पूरी तरह हटाया नहीं जा सका और कुछ लोग इसे दूसरी वेबसाइट्स पर इसे रिडायरेक्ट और दोबारा पोस्ट करते रहे.
चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने केंद्र, दिल्ली सरकार, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेसबुक, पोर्नोग्राफिक वेबसाइट और महिला को नोटिस जारी किया, और उनसे 25 मई तक गूगल की अपील पर जवाब मांगा.
कोर्ट ने कहा कि वह इस पड़ाव कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं करने वाली है. जब गूगल ने बेंच को बताया है कि वह इंटरमीडियरी है, और सोशल मीडिया इंटरमीडियरी नहीं है. इसके साथ गूगल ने सिंगल जज द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइंस या मापदंडों का पालन नहीं करने के लिए कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की है. ग्लोबल टेक कंपनी ने सिंगल जज की उस बात को भी हटाने की मांग की, जिसमें गूगल को सोशल मीडिया इंटरमीडियरी कहा गया है.
गूगल ने तर्क दिया कि सिंगल जज ने अपने 20 अप्रैल के फैसले में उसकी सर्च इंजन की सोशल मीडिया इंटरमीडियरी के तौर पर गलत व्याख्या की था. कोर्ट ने 20 अप्रैल के फैसले के खिलाफ अपनी अपील में कहा कि सिंगल जज ने अपील करनेवाले के सर्च इंजन के लिए 2021 के नए नियमों की गलत व्याख्या और लागू किया है. इसके अलावा जज ने आईटी एक्ट के कई सेक्शन को मिला दिया है.