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Google earthquake alert in India : गूगल अब भारत में भूकंप का अलर्ट भेजने की सर्विस शुरू कर रहा है. इसके लिए लाखों लोगों के पास मौजूद एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स के सेंसर का इस्तेमाल करके भूकंप का पता लगाया जाएगा. (File Photo : AP)
Google starts Android earthquake alert service in India : दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नॉलजी और इंटरनेट कंपनियों में शामिल गूगल अब भारत में भूकंप की चेतावनी देने की सर्विस शुरू कर रही है. खास बात यह है कि गूगल की यह सर्विस भूकंप को डिटेक्ट करने और उसकी तीव्रता का अंदाजा लगाने के लिए एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में मौजूद सेंसर्स का इस्तेमाल करेगी. आसान भाषा में कहें तो आपके और आपके जैसे लाखों लोगों के पास मौजूद एंड्रॉयड स्मार्टफोन अब इस सर्विस के लिए भूकंप का पता लगाने वाले सीस्मोमीटर की तरह काम करेगा.
स्मार्टफोन पर अपने आप मिलेगा अलर्ट
गूगल ने बुधवार को जारी एक ब्लॉग पोस्ट में बताया है कि उसने एंड्रॉयड अर्थक्वेक अलर्ट सिस्टम (Android Earthquake Alerts System) को भारत में शुरू करने का फैसला नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) और नेशनल सिस्मोलॉजी सेंटर (National Seismology Centre - NSC) के साथ सलाह-मशविरा करने के बाद किया है. गूगल ने भारत में इस नई सर्विस की शुरुआत का एलान एक ब्लॉग के जरिए किया है. कंपनी ने बताया है कि इस सर्विस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके जरिए एंड्रॉयड स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले तमाम लोगों को उनके इलाके में भूकंप आने पर कम से कम समय में अपने आप उसका अलर्ट मिल जाएगा. भूकंप की चेतावनी का यह सिस्टम Android 5 और उसके बाद के सभी ऑपरेटिंग सिस्टम में काम करेगा. ब्लॉग में बताया गया है कि आने वाले हफ्ते के दौरान भारत के उन सभी लोगों को एंड्रॉयड अर्थक्वेक अलर्ट सिस्टम का लाभ मिलने लगेगा, जो एंड्रॉयड 5 या उसके बाद के ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं.
भूकंप का पता लगाएंगे हजारों स्मार्टफोन
गूगल की इस तकनीक की सबसे खास बात यह है कि इसमें भूकंप को डिटेक्ट करने और उसकी तीव्रता का सटीक अनुमान लगाने के लिए एंड्रॉयड फोन्स में मौजूद छोटे-छोटे एक्सीलेरोमीटर्स (accelerometers) का इस्तेमाल किया जाएगा. हजारों स्मार्टफोन्स में मौजूद तमाम एक्सीलेरोमीटर भूकंप के कंपन का पता लगाने वाले मिनी सिस्मोमीटर्स (seismometers) की तरह काम करेंगे. गूगल ने अपने ब्लॉग में बताया है कि अगर कोई स्मार्टफोन चार्जिंग के लिए लगाया गया है, तो वह भूकंप की हलचल को बिलकुल शुरुआती दौर में ही पकड़ सकता है. अगर बहुत सारे फोन भूकंप जैसी हलचल को एक ही समय में डिटेक्ट करते हैं, तो कंपनी का सर्वर उसके आधार पर भूकंप आने का संभावना का पता सकता है. इतना ही नहीं, इस तकनीक के जरिए भूकंप के केंद्र और तीव्रता का अनुमान भी लगाया जा सकता है. ऐसा होने पर गूगल का सर्वर भूकंप वाले इलाके में और उसके आसपास मौजूद फोन्स को अलर्ट भेज सकता है.
भूकंप के तेज झटकों से पहले पहुंच जाएगी चेतावनी
गूगल का कहना है कि इंटरनेट के सिग्नल की रफ्तार प्रकाश की गति (speed of light) के बराबर होती है, जो धरती में भूकंप के कंपन के आगे बढ़ने की रफ्तार के मुकाबले काफी तेज होती है. यही वजह है कि गूगल के सर्वर से भेजे गए अलर्ट भूकंप के तेज झटके लगने से कुछ सेकेंड पहले ही स्मार्टफोन तक पहुंच जाएंगे. कंपनी ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि वो गूगल सर्च और गूगल मैप के जरिए भारत के यूजर्स को बाढ़ और साइक्लोन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सुरक्षा से जुड़ी जरूरी जानकारी मुहैया कराने के लिए NDMA के साथ मिलकर पहले से काम करती आ रही है. और अब कंपनी NDMA और NSC के साथ मिलकर एंड्रॉयड अर्थक्वेक अलर्ट सिस्टम को भारत में मुहैया कराने जा रही है.