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सरकार ने OTT प्लेटफॉर्म्स पर केंटेंट को लेकर बुधवार को नई गाइडलाइंस जारी की हैं.
New OTT Guidelines: सरकार ने OTT प्लेटफॉर्म्स पर केंटेंट को लेकर बुधवार को नई गाइडलाइंस जारी की हैं. केंद्रीय मंत्री प्राकेश जावड़ेकर ने कहा है कि ओटीटी और डिजिटल न्यूज मीडिया को अपनी डिटेल्स का खुलासा करना होगा. वे रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य नहीं बना रहे हैं, जानकारी मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि ओटीटी के लिए कंटेंट को खुद वर्गीकरण करना होगा- 13+, 16+ और A कैटेगरी. उन्होंने कहा कि पेरेंटल लॉक की व्यवस्था रखनी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे उसे नहीं देखें.
शिकायत निवारण व्यवस्था भी होनी जरूरी
जावड़ेकर ने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स में शिकायत निवारण व्यवस्था (grievance redressal system) होना चाहिए. ओटीटी प्लेटफॉर्म्स में सेल्फ रेगुलेटिंग बॉडी होनी जरूरी है, जिसकी अगुवाई सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट जज या इस कैटेगरी की बहुत मशहूर व्यक्ति करे.
इसके साथ सरकार ने सोशल मीडिया और डिजिटल न्यूज मीडिया के लिए भी नई गाइडलाइंस जारी की हैं. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से कोर्ट के आदेश या सरकारी अथॉरिटी द्वारा पूछे जाने पर उसे उस शरारती ट्वीट या मैसेज के पहले ऑरिजनेटर को बताना होगा. उन्होंने कहा कि यह केवल भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य, सार्वजनिक व्यवस्था, विदेश के साथ संबंध या रेप, सेक्शुअल कंटेंट आदि के संबंध में होना चाहिए.
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प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर यूजर्स की गरिमा, खासकर महिलाओं के खिलाफ शिकायतें होती हैं, व्यक्ति के निजी भागों को दिखाया जाए या न्यूडिटी, सेक्शुअल एक्ट आदि की स्थिति में शिकायत होने के 24 घंटों के भीतर कंटेंट को हटाना होगा. यह महिलाओं की गरिमा के सम्मान के लिए किया गया है. प्रसाद ने बताया कि सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज को एक शिकायत अफसर (grievance officer) की नियुक्ति करनी होगी, जो 24 घंटों में शिकायत दर्ज करेगा. सोशल मीडिा प्लेटफॉर्म्स के पास यूजर्स के वॉलेंटरी वेरिफिकेशन का प्रावधान होगा जरूरी है.