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Messenger Rooms: एक साथ 50 लोगों से हो सकती है कितनी ही लंबी वीडियो कॉल, ऐसे करें इस्तेमाल

फेसबुक Messenger Rooms सर्विस का मुकाबला Zoom, Skype और Google Meet से है.

फेसबुक Messenger Rooms सर्विस का मुकाबला Zoom, Skype और Google Meet से है.

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How To Use Messenger Rooms, Facebook’s new video-conferencing service

Image: Facebook

How To Use Messenger Rooms, Facebook’s new video-conferencing service Image: Facebook

फेसबुक (Facebook) की नई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सर्विस 'Messenger Rooms' अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा में शुरू हो चुकी है. बाकी दुनिया के लिए यह इस सप्ताह उपलब्ध हो जाएगी. कोरोनावायरस के इस दौर में ऑनलाइन बातचीत, खासकर वीडियो कॉलिंग बेहद तेजी से बढ़ी है. लोग पर्सनल और प्रोफेशनल कामों के लिए वीडियो कॉलिंग का इस्तेमाल बढ़चढ़कर कर रहे हैं. इसी को देखते हुए फेसबुक ने Messenger Rooms सर्विस शुरू की है. इसका मुकाबला Zoom, Skype और Google Meet से है.

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Messenger Rooms में एक बार में मैक्सिमम 50 लोगों से फ्री में जितनी लंबी चाहे वीडियो कॉल की जा सकती है. इस सर्विस में केवल फेसबुक यूजर्स ही 'रूम्स' यानी ग्रुप वीडियो कॉल क्रिएट कर सकते हैं. हालांकि जिनके फेसबुक पर अकाउंट नहीं हैं, वे बिना किसी अलग ऐप या प्रोग्राम को डाउनलोड किए बिना मौजूदा 'रूम्स' को ज्वॉइन कर सकते हैं.

ऐसे इस्तेमाल करें Messenger Rooms

  • डेस्कटॉप और मोबाइल पर फेसबुक पर लॉग इन कर यूजर्स को स्टेटस बार के नीचे 'Rooms' सेक्शन दिखेगा.
  • 'क्रिएट' पर क्लिक कर फेसबुक यूजर ग्रुप वीडियो कॉल शुरू कर सकता है. वहीं 'ज्वॉइन ' पर क्लिक कर खुद को दोस्त की वीडियो कॉल से जोड़ा जा सकता है.
  • यूजर 'रूम' क्रिएट करने का उद्देश्य चाहें तो खुद सेट कर सकते हैं या फेसबुक द्वारा सुझाए जा रहे उद्देश्यों जैसे 'हैप्पी ऑवर' या 'हीयर ऑल डे' में से किसी एक को चुन सकते हैं.
  • 'हू इज इन्वाइटेड सेक्शन' में यूजर यह चुनाव कर सकते हैं कि 'रूम' पब्लिक होना चाहिए या प्राइवेट.
  • 'इन्वाइट ऑल योर फ्रेंड्स' का चुनाव करने का अर्थ है कि हर कोई यूजर द्वारा क्रिएट किए गए रूम को अपने होमपेज के टॉप पर देख सकेगा और ज्वॉइन कर सकेगा. 'इन्वाइट स्पेसिफिक फ्रेंड्स' बटन को चुनने का अर्थ है कि यूजर रूम से कौन जुड़ सकेगा, इसका चुनाव कर सकते हैं.
  • अगर यूजर इन्वाइट स्पेसिफिक फ्रेंड्स बटन पर क्लिक करता है तो विंडो के बॉटम राइट कॉर्नर पर एक स्किप बटन आ जाएगा. इसके जरिए रूम क्रिएट करने वाला यूजर उन लोगों को स्किप कर सकता है, जिन्हें वह रूम में इन्वाइट नहीं करना चाहता.
  • साथ ही यूजर के सामने एक 'टर्न ऑन लिंक शेयरिंग' विकल्प भी आएगा. इसके जरिए वे लोग भी रूम से जुड़ सकते हैं, जो यूजर के दोस्त नहीं हैं या फिर वे जो फेसबुक पर नहीं हैं. लिंक शेयरिंग टर्न ऑन करने पर 'क्रिएट रूम' बटन यूजर को एक ऐसी विंडो पर ले जाएगा, जहां से आप लिंक को कॉपी कर सकेंगे.
  • फेसबुक ग्रुप्स या ईवेंट्स में यूजर रूम क्रिएट कर सकते हैं, जो अपने आप पोस्ट के रूप में अपीयर हो जाएगा और ग्रुप मेंबर्स या इन्वाइटीज को रूम ज्वॉइन करने का विकल्प दे देगा.

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Facebook Messenger ऐप पर कैसे करें इस्तेमाल

  • फेसबुक मैसेंजर खोलने के बाद स्क्रीन के बॉटम राइट कॉर्नर पर दिए 'पीपुल टैब' पर क्लिक करें.
  • 'क्रिएट ए रूम' पर टैप करें.
  • किसी को भी किसी भी डिवाइस पर रूम ज्वॉइन करने के लिए इन्वाइट करने के लिए 'शेयर लिंक' पर टैप करें. इसके जरिए वे लोग भी रूम से जुड़ सकते हैं, जिन्होंने फेसबुक इंस्टॉल नहीं किया हुआ है.

ये बातें भी जान लें

फेसबंक पर मैसेंजर रूम क्रिएट करने वाला यूजर यह भी कंट्रोल कर सकता है कि क्या कोई नया व्यक्ति पहले से चल रही वीडियो कॉल के दौरान रूम को ज्वॉइन कर सकता है या नहीं. फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर किसी यूजर को लगता है कि कोई रूम फेसबुक के कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स का उल्लंघन कर रहा है तो वह इसकी रिपोर्ट कर सकता है. फेसबुक का कहना है कि ऐसी रिपोर्ट में कॉल का कोई वीडियो या ऑडियो नहीं होगा. इसके अलावा कंपनी का यह भी कहना है कि रूम्स के ऑडियो व वीडियो का इस्तेमाल यूजर्स के लिए एड्स को टार्गेट करने के लिए नहीं होगा.

फोर्ब्स की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फ्रीलांस साइबर सिक्योरिटी रिपोर्टर Kate O'Flaherty ने पिछले माह कहा था कि फेसबुक का मैसेंजर रूम्स एंड टू एंड इनक्रिप्टेड नहीं है और न ही विशेष रूप से प्राइवेट है. यह भी अन्य फेसबुक सर्विसेज की तरह डेटा कलेक्ट करता है. इसलिए इसके साथ भी प्राइवेसी से जुड़ी चिंताएं रहेंगी.

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