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भारत में स्मार्टफोन की शिपमेंट 13 फीसदी गिरकर अप्रैल-जून 2021 में 32.4 मिलियन यूनिटेस पर पहुंच गई है.
भारत में स्मार्टफोन की शिपमेंट 13 फीसदी गिरकर अप्रैल-जून 2021 में 32.4 मिलियन यूनिटेस पर पहुंच गई है. रिसर्च फर्म Canalys के मुताबिक, ऐसा पिछली तिमाही में कोविड-19 की दूसरी लहर के डिमांड पर असर की वजह से हुआ है. Canalys ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल-जून 2020 में करीब दो महीने का देशव्यापी लॉकडाउन था, इसलिए सालाना आधार पर तुलना करने पर शिपमेंट में 87 फीसदी की बढ़ोतरी दिखती है.
Xiaomi पहले स्थान पर रही
शाओमी जून 2021 में 29 फीसदी बाजार हिस्सेदारी (9.5 मिलियन यूनिट्स शिपमेंट) है, जिसके बाद सैमसंग दूसरे स्थान पर 17 फीसदी हिस्सेदारी (5.5 मिलियन) और वीवो 5.4 मिलियन के साथ है. रियलमी ने ओप्पो को पीछे छोड़ दिया है. यह 4.9 मिलियन यूनिट्स (15 फीसदी) और ओप्पो अवधि में 12 फीसदी (3.8 मिलियन) के साथ है.
कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी से क्षेत्रीय प्रतिबंधों और आर्थिक रूकावटों की ग्राहकों की वजह से डिज्पॉजिबल इनकम सीमित हुई है. Canalys Analyst के संयम चौरसिया ने कहा कि भारत को दूसरी लहर से बड़ा झटका लगा था क्योंकि नया कोविड वेरिएंट सामने आया था और जल्द ही उसने जकड़ लिया था. स्मार्टफोन विक्रेताओं के लिए, यह परेशान करने वाला था और ऑनलाइन और ऑफलाइन मौजूदगी को बराबरी के साथ प्रोत्साहन देने के महत्व को दिखाता है. उन्होंने आगे कहा कि रिकवरी के संकेत दूसरी तिमाही के आखिर तक सामने आए क्योंकि कई क्षेत्रों में टीकाकरण कार्यक्रमों से ग्राहकों का विश्वास बढ़ा.
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चौरसिया ने आगे कहा कि भारत में 2021 की दूसरी तिमाही में सुधार आया, जिसमें टीकाकरण की बढ़ी रफ्तार ने मदद की. इसके साथ ब्रांड्स ने भी प्रमोशनल कार्यक्रमों को बढ़ाया और नए प्रोडक्ट्स पेश किए. लेकिन दूसरे भाग में पिछले साल की तरह डिमांड में बढ़ोतरी नहीं देखी गई. तीसरी लहर का खतरा भारत में अभी भी बरकरार है, लेकिन क्योंकि नागरिकों का व्यवहार और उद्योगों का कामकाज महामारी की स्थिति के मुताबिक बदल रहा है, इसलिए उसका असर बेहद कम रहना चाहिए. चौरसिया ने जिक्र किया है कि बढ़ती हुई लागत चुनौतीपूर्ण होगी.