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WhatsApp के जवाब में सरकारी 'Sandes', आम लोग भी अब कर सकेंगे इस्तेमाल; क्या है इसकी खासियत?

नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर ने WhatsApp की तरह एक इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म Sandes लांच किया है.

नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर ने WhatsApp की तरह एक इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म Sandes लांच किया है.

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FE Online
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संदेश का इंटरफेस अन्य इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप की तरह ही है.

नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने वाट्सऐप (WhatsApp) की तरह एक इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म 'संदेश' (Sandes) लांच किया है. वाट्सऐप की तरह संदेश से भी मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी के जरिए किसी के साथ भी मैसेजिंग की जा सकती है. केंद्र सरकार ने स्वदेशी ऐप के उद्देश्य के तहत इस ऐप को शुरू किया है. पहले इसे सभी सरकारी कर्मियों के लिए ही शुरू किया गया था, लेकिन इसे अब सभी लोगों के लिए शुरू कर दिया गया है.

संदेश का इंटरफेस अन्य इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप की तरह ही है. दो प्लेटफॉर्म के बीच चैट हिस्ट्री का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है लेकिन सभी चैट्स का ई-मेल पर बैकअप रखा जा सकता है. इसका इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स एक वैलिड मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी के जरिए संदेश पर अपना अकाउंट बना सकते हैं. इस पर वाट्सऐप की तरह ग्रुप बना सकते हैं. मैसेज ब्रॉडकास्ट कर सकते हैं, मैसेज फॉरवर्ड कर सकते हैं और इमोजी भेज सकते हैं.

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सेफ्टी और प्राइवेसी के कारण शुरू हुआ Sandes

पिछले साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते मार्च 2020 में केंद्र सरकार ने देश भर में लॉकडाउन लगाया था, ताकि कोरोना संक्रमण को रोका जा सके. लॉकडाउन के चलते अधिकतर कर्मियों को घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करना पड़ा. ऐसे में कर्मियों के बीच कम्युनिकेशन के सुरक्षित प्लेटफॉर्म बनाने की जरूरत महसूस हुई.

सिक्योरिटी इशूज के चलते पिछले साल अप्रैल 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी सरकारी कर्मियों को एडवायजरी की थी. इसके तहत सरकारी कर्मियों को ऑफिशियल कम्युनिकेशन के लिए Zoom जैसे प्लेटफॉर्म का प्रयोग करने से मना किया गया था. मंत्रालय ने यह एडवायजरी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (Cert-In) द्वारा सेफ्टी व प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं को लेकर जूम के अगेंस्ट एडवायजरी के आधार पर जारी किया था.

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अगस्त 2020 में पहला वर्जन पेश

ऑफिशियल्स के मुताबिक, सरकारी कर्मियों के लिए सिक्योर कम्युनिकेशन नेटवर्क पर पिछले चार वर्षों से काम चल रहा है. हालांकि, पिछले साल 2020 में इस पर तेजी से काम बढ़ा. अगस्त 2020 में एनआईसी ने संदेश ऐप का पहला वर्जन पेश किया जिसका इस्तेमाल सभी केंद्रीय व राज्य स्तर के सरकारी कर्मी अपने संस्था और अन्य संस्थाओं के बीच कम्युनिकेशन के लिए कर सकते थे. इस ऐप को पहले एंड्रायड यूजर्स के लिए लांच किया गया था और फिर उसे iOS यूजर्स के लिए भी लांच किया गया.

कांफिडेंशियल मैसेज भेजने की सुविधा

संदेश में एक अतिरिक्त सुरक्षा फीचर जोड़ा गया है. इसमें यूजर किसी मैसेज को कांफिडेंशियल के तौर पर मार्क कर सकता है. इससे संदेश प्राप्त करने वाले यूजर्स को यह जानकारी हो जाएगी कि प्राप्त मैसेज को किसी अन्य के साथ साझा नहीं करना है. हालांकि इस ऐप की एक लिमिटेशंस है कि इसमें यूजर अपना मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी नहीं बदल सकते हैं. नंबर या ई-मेल आईडी बदलने के लिए यूजर को नए यूजर के तौर पर खुद को रजिस्टर्ड कराना होगा.

(Input: Indian express)

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