/financial-express-hindi/media/post_banners/7fh1d0BNa6JjAM6nH92P.jpg)
Koo App pays tribute to Babasaheb: इस बदलाव का मकसद भारतीय संविधान में शामिल समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों का सम्मान करना है
Koo App pays tribute to Babasaheb: अंबेडकर जयंती के अवसर पर भारत के माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप ने आज संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर को रोचक ढंग से श्रद्धांजलि दी है. कू ने आज अपने लाइक बटन को डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर के साथ एक फ्लोटिंग आइकन में बदल दिया है. इस बदलाव का मकसद भारतीय संविधान में शामिल समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों का सम्मान करना है. इन्हीं चीजों के लिए डॉ. आंबेडकर ने आजीवन संघर्ष किया था. ”लाइक" बटन को इस विशेष आइकन में बदलने का मकसद यूजर्स के साथ सकारात्मक और सार्थक चर्चा को बढ़ावा देना है.
कंपनी का क्या है कहना?
कू ऐप के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण का कहना है कि भारत के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक ताने-बाने में डॉ. आंबेडकर का बहुत बड़ा योगदान है और इस विशेष बदलाव के साथ उनकी जयंती मनाने पर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं. एक स्वतंत्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में हम सभी को एकजुट करने, विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने की भरसक कोशिश करते हैं, जो हमारे संविधान की दृष्टि के अनुरूप हैं. उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर की चर्चा हर तरफ हो इसके लिए कू द्वारा उठाया गया यह छोटा सा कदम है.
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है Koo
कू ऐप 20 से ज्यादा वैश्विक भाषाओं में उपलब्ध है और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है. कू ऐप (Koo App) मार्च 2020 में भारत में लॉन्च किया गया था. दुनिया भर में सभी यूजर्स के लिए यह प्लेटफॉर्म आसान, पारदर्शी, सुरक्षित और मुफ्त है. कू ऐप एक स्वतंत्र स्टार्टअप है, जिसको टाइगर ग्लोबल और एक्सेल पार्टनर्स जैसे वैश्विक निवेशकों का समर्थन मिला हुआ है. अब तक इसके 6 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं और इसे 100 से ज्यादा देशों में इस्तेमाल किया जाता है.