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सोशल मीडिया पर वीआईपी कल्चर खत्म! Koo पर चुटकियों में अपने खाते को करें वेरिफाई, सभी यूजर्स को यह सुविधा देने वाली पहली कंपनी

Koo पर खाता वेरिफिकेशन के लिए आपका वीआईपी होना जरूरी नहीं है.

Koo पर खाता वेरिफिकेशन के लिए आपका वीआईपी होना जरूरी नहीं है.

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FE Online
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koo world first social media platform to launch voluntary self verification for all users

आधार के जरिए कोई भी यूजर अपने Koo खाते को वेरिफाई कर सकता है.



सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई आईडी फेक है या रीयल, इसकी पहचान करना तब बहुत मुश्किल हो जाता है, जब खाता वेरिफाइड न हो. आमतौर पर वीआईपी लोगों के ही खाते वेरिफाई होते हैं लेकिन अब Koo ने अपना खाता खुद प्रमाणित करने की सुविधा दी है और यह फीचर दुनिया में सबसे पहले Koo ने दिया है. इसके लिए कोई वीआईपी होना जरूरी नहीं है, सिर्फ आपके पास कोई वैध सरकारी आई़़डी होनी चाहिए. अभी सिर्फ आधार को ही लाइव किया गया है यानी कि Koo पर अपने खाते को आधार के जरिए वेरिफाई कर सकते हैं.

कुछ ही सेकंडों में खाता वेरिफाई

Koo के नए फीचर तहत यूजर्स को आधार नंबर डालना होता है, इसके बाद जैसे ही प्रोसीड पर क्लिक करते हैं तो आधार से लिंक्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आता है जिसे भरना होता है. खाता वेरिफाई होने के बाद प्रोफाइल पर हरे रंग का टिक आ जाएगा जो वेरिफिकेशन का प्रमाण है. इस प्रक्रिया के दौरान Koo App इससे जुड़ी किसी भी जानकारी को स्टोर नहीं करता है और वेरिफिकेशन के लिए सरकार द्वारा एप्रूव्ड थर्ड पार्टी की सर्विस ली जाती है.

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कई फर्स्ट के बाद अब एक और फर्स्ट

Koo ने आज सभी यूजर्स के लिए सेल्फ वेरिफिकेशन लाइव किया है और ऐसा करने वाली यह दुनिया की पहली सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गई है. ऐसा नहीं है कि Koo ने फर्स्ट होने का कारनामा पहली बार किया है, बल्कि इसकी लॉन्चिंग ही कई मामलों में फर्स्ट रही. यह भाषा पर आधारित दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है. इसके अलावा एक ही स्क्रीन पर कई भाषाओं में क्रिएशन का भी प्लेटफॉर्म है. वहीं भारतीय आईटी गाइडलाइंस का अनुपालन करने वाली भी पहली सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है.

अपनी भाषा में विचार व्यक्त करने का मंच

Koo App को करीब दो साल पहले मार्च 2020 में अपी मातृभाषा में अपने भावों को व्यक्त करने के उद्देश्य से एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के तौर पर लॉन्च किया गया था. अभी यह हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में उपलब्ध है. अब तक 3 करोड़ से अधिक लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के 7 हजार से ज्यादा प्रभावशाली लोग इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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