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मेटावर्स डिजिटल इकोसिस्टम का अगला चरण है जिसमें कोई शख्स खुद को एक आभासी दुनिया में महसूस करता है. (Image- Pixabay)
Metaverse in India: आने वाला दौर मेटावर्स (Metaverse) का है और इसके चलते वर्ष 2032 तक दुनिया भर में डेटा का इस्तेमाल 20 गुना तक बढ़ सकता है. क्रेडिट सुइस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इसके उभार से सबसे अधिक फायदा लेने की स्थिति में भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और रिलायंस जियो (Reliance Jio) हैं. हालांकि क्रेडिट सुइस का यह भी कहना है कि अभी मेटावर्स का भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के रेवेन्यू पर असर का आकलन करना जल्दबाजी होगा.
मेटावर्स डिजिटल इकोसिस्टम का अगला चरण है जिसमें कोई शख्स खुद को एक आभासी दुनिया में महसूस करता है. क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट के मुताबिक मेटावर्स के चलते स्क्रीन टाइम में बढ़ोतरी हो सकती है यानी कि लोग स्मार्टफोन जैसे डिजिटल एसेट्स का इस्तेमामल बढ़ा सकते हैं. रिपोर्ट मे में कहा गया है कि 5जी मेटावर्स इकोसिस्टम को सहारा देगा लेकिन 6जी के आने पर इसके इस्तेमाल में तेजी आएगी. मेटावर्स के बढ़ने से इसके लिए जरूरी तकनीक ऑगमेंटेड रियल्टी और वर्चुअल रियल्टी टेक्नोलॉजीज में भी उछाल दिख सकती है.
गेमिंग सेग्मेंट में पहले हो सकता है इस्तेमाल
मेटावर्स का सबसे पहले जिस सेग्मेंट में इस्तेमाल हो सकता है, उसमें गेमिंग सेग्मेंट शुमार हैं. क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में गेमिंग अभी शुरुआती स्टेज में है और सस्ते स्मार्टफोन और 4जी डेटा सर्विसेज के चलते यह तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत में ऑनलाइल गेम में मोबाइल गेम की हिस्सेदारी बढ़ने की संभावना है.
फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन का इस्तेमाल बढ़ने के आसार
क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा दशक के दूसरे हाफ में एयरटेल और जियो को मेटावर्स के चलते डेटा इस्तेमाल में बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन वित्त वर्ष 2020 में 6.8 फीसदी के मुकाबसे बढ़कर मौजूदा वित्त वर्ष 2022 में 9 फीसदी पर पहुंच सकता है. डेटा के बढ़ती मांग और टेलीकॉम कंपनियों द्वारा अपने फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर के यूटिलाइजेशन रेट में सुधार करने से वित्त वर्ष 2025 तक यह 12.6 फीसदी पर पहुंच सकता है. अभी एयरटेल का 17 फीसदी रेवेन्यू फिक्स्ड लाइन से आता है.
(इनपुट: पीटीआई)