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सरकार ने सभी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप इस्तेमाल करने को अनिवार्य कर दिया है. इसके साथ संगठनों को निर्देश दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी कर्मचारी इस कोरोना वायरस ट्रैकिंग मोबाइस ऐप्लीकेशन को डाउनलोड करें. गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन को दो हफ्तों तक और बढ़ाते हुए गाइडलाइंस को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. इसी नोटिफिकेशन में यह कहा गया है कि यह सभी संगठनों के प्रमुख की जिम्मेदारी होगी कि वह इस ऐप की 100 फीसदी कवरेज को कर्मचारियों के बीच सुनिश्चित करे.
कंटेंमेंट जोन्स में 100 फीसदी अनिवार्य
कंटेंमेंट जोन्स में सराकर ने 100 फीसदी आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य कर दिया है. हालांकि, यह बात साफ नहीं है कि यह आदेश इन इलाकों में रहने वाले निवासियों पर भी लागू होगा या केवल दफ्तर और काम की जगहों पर उपयुक्त है. भारत एकमात्र देश है जहां कोरोना कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप्लीकेशन के डाउनलोड को इस स्तर पर अनिवार्य किया गया है.
सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर की फाउंडर और टेक्नोलॉजी वकील मिशी चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह ऐप सुरक्षित नहीं है, इसका सोर्स कोड परीक्षण के लिए उपलब्ध नहीं है और सुरक्षा से जुड़ी इसकी कमजोरियों को पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है.
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डेटा प्राइवेसी के उल्लंघन को लेकर चिंताएं
इससे पहले भी लोगों और संगठनों ने निगरानी और डेटा प्राइवेसी के उल्लंघन को लेकर चिंताएं जाहिक की हैं, जब सरकार ने इस ऐप को लॉन्च किया था. फूड डिलीवरी और कुछ दूसरी सेवाओं को देने वाले लोगों और सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए इस ऐप को इस्तेमाल करना पहले से अनिवार्य किया गया था.
बता दें कि आरोग्य सेतु ऐप आपको यह बताने के लिए कि आप जोखिम में हैं, ब्लूटूथ और जीपीएस का इस्तेमाल करता है. जहां जीपीएस रियल टाइम में व्यक्ति की लोकेशन को ट्रैक करता है, वहीं ब्लूटूथ व्यक्ति के नोवल कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के नजदीक आने पर ट्रैक करेगा. यह 6 फीट तक की दूरी पर आने पर ट्रैक करता है.