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इस साल होगी 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी, सरकारी खजाने को 5.83 लाख करोड़ मिलने की उम्मीद

इस समय टेलीकॉम सेक्टर की हालत बहुत खराब है और टैरिफ वार में उनके मुनाफे पर नकारात्मक असर पड़ा है. इसके बावजूद अनुमान है कि इस नीलामी से सरकारी खजाने को 5.83 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा.

इस समय टेलीकॉम सेक्टर की हालत बहुत खराब है और टैरिफ वार में उनके मुनाफे पर नकारात्मक असर पड़ा है. इसके बावजूद अनुमान है कि इस नीलामी से सरकारी खजाने को 5.83 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा.

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Bloomberg
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केंद्र सरकार जल्द ही अगले चरण की एयरवेव्स की नीलामी शुरू करने जा रही है.

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केंद्र सरकार जल्द ही अगले चरण की एयरवेव्स की नीलामी शुरू करने जा रही है. इस समय टेलीकॉम सेक्टर की हालत बहुत खराब है और टैरिफ वार में उनके मुनाफे पर नकारात्मक असर पड़ा है. इसके बावजूद अनुमान लगाया जा रहा है कि इस नीलामी से सरकारी खजाने को 5.83 लाख करोड़ रुपये (8380 करोड़ डॉलर) का राजस्व मिलेगा. इस नीलामी को लेकर एक सूत्र ने जानकारी दी है कि मोदी सरकार इस साल 8600 मेगाहर्ट्ज के एयरवेव्स की बिक्री करेगी. इसमें 5जी सर्विसेज के अलावा मौजूदा नेटवर्क के लिए भी स्पेक्ट्रम होंगे.

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टेलीकॉम सेक्टर के लिए कठिन समय

यह नीलामी ऐसे समय में होगी जब अधिकतर टेलीकॉम कंपनियां बुरे दौर से गुजर रही हैं. एक समय ऐसा था जब इस सेक्टर में दर्जन भर से अधिक कंपनियां थीं. इसके बाद मुकेश अंबानी के टेलीकॉम सेक्टर में प्रवेश करने के बाद जियो की शुरुआत हुई.

जियो ने मुफ्त कॉल्स और सस्ते डेटा के साथ टेलीकॉम सेक्टर में एक नई वार शुरू की. इसकी वजह से टेलीकॉम सेक्टर की अधिकतर कंपनियों का मुनाफा बहुत कम हो गया और कुछ कंपनियों को बंद होना पड़ा. इस समय टेलीकॉम सेक्टर की अधिकतर कंपनियां अपना मौजूदा मार्केट शेयर बचाने की कोशिश में लगी हुई हैं.

टेक महिंद्रा ने नीलामी जल्द शुरू करने की अपील किया था

इससे पहले मई में टेक महिंद्रा के अध्यक्ष (संचार कारोबार) और नेटवर्क सेवाओं के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मनीष व्यास ने कहा था कि दूरसंचार विभाग को देश में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू करनी चाहिए क्योंकि कई अन्य देशों के नियामकों ने पहले ही इसके लिए नीतियां बना ली हैं और स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू कर दी है.

व्यास ने कहा था कि प्रौद्योगिकी से ज्यादा इस मामले में बड़ी अड़चन 5 जी स्पेक्ट्रम को लेकर नियामकीय निकाय की नीति है. इसके विपरीत देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया का कहना था कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 2020 से पहले से नहीं की जानी चाहिए क्योंकि उद्योग को अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के लिए चीजों को भारत के अनुरूप करने की जरूरत है.

टेक महिंद्रा ने 5G नेटवर्क में देरी के लिए नीतियों को ठहराया था जिम्मेदार

चीन के शहर शंघाई का दावा, 5जी नेटवर्क वाला पहला जिला

मार्च के अंत में चीन के एक शहर ने दावा किया था कि वह 5G कवरेज और ब्राडबैंड गीगाबिट नेटवर्क वाला विश्व का पहला जिला बन चुका है. 5जी अगली जेनरेशन की सेल्युलर टेक्नोलॉजी है जो 4जी की तुलना में 10 से 100 गुना तेज डाउनलोड स्पीड देता है.

शंघाई के वाइस-मेयर वु क्विंग ने पहले 5जी फोल्डेबल फोन हुवावे मेट एक्स से 5जी पर पहला वीडियो कॉल किया था और कहा था कि पूरी तरह से परिचालन शुरू हो जाने के बाद उपभोक्ता बिना सिमकार्ड बदले 5जी सेवा का लाभ उठा सकेंगे.

5G नेटवर्क वाला दुनिया का पहला जिला चीन में