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अगर आपके पास आईफोन 14 खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे हैं, तो अपना शौक पूरा करने में कोई हर्ज़ नहीं. लेकिन अगर इसके लिए कर्ज़ लेना पड़ेगा, तो सोच-समझकर फैसला करना चाहिए.
भारत में iPhone 14 के अलग-अलग वैरिएंट की कीमतें लगभग 80 हजार रुपये से शुरू होकर करीब 1 लाख 80 हजार रुपये तक जाती हैं. इतना महंगा स्मार्टफोन खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं है. फिर भी आईफोन के जबरदस्त क्रेज़ और इसे 'स्टेटस सिंबल' समझे जाने के चलते कई बार लोग अपने बजट की अनदेखी करते हैं और कर्ज लेकर या किस्तों में लेटेस्ट आईफोन खरीदना चाहते हैं. शौक पूरा करने के लिए कुछ भी करने की भावना को अलग रख दें, तो क्या कर्ज लेकर इतना महंगा स्मार्टफोन खरीदना सही फैसला होगा? आर्थिक समझदारी का तकाजा तो यही है कि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए.
स्मार्टफोन के लिए बजट बिगाड़ना कितना सही?
हो सकता है आईफोन के दीवाने हमारी इस बात से सहमत न हों, लेकिन कोई भी फैसला करने से पहले खुद से यह सवाल तो पूछना ही चाहिए कि एक स्मार्टफोन खरीदने के लिए कर्ज लेना या अपना बजट बिगाड़ लेना कहां तक वाजिब है? आईफोन हमें कितना भी पसंद क्यों न हो, लेकिन यह कोई ऐसी जरूरी चीज़ नहीं है, जिसके बिना हमारा काम न चल सकता हो. इससे काफी कम कीमत वाले स्मार्टफोन से भी हम वे ज्यादातर काम कर सकते हैं, जो आईफोन 14 से करेंगे. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि अगर आप आसानी से आईफोन खरीद सकते हैं, तो भी न खरीदें. अगर आपके पास इतने पैसे हैं, तो अपना शौक पूरा करने में कोई हर्ज़ नहीं है. लेकिन अगर आपको इसके लिए कर्ज़ लेना पड़ेगा, तो इस फैसले पर फिर से सोचने की जरूरत है.
EMI या BNPL ऑफर का इस्तेमाल कितना सही?
अगर आपको लगता है कि आईफोन के बजट से बाहर होने की समस्या का समाधान EMI या BNPL (Buy-Now-Pay-Later) की स्कीम से निकल सकता है, तो आपको इन स्कीम्स को अच्छी तरह समझने की जरूरत है. ऐसी स्कीम्स आपको कितनी भी लुभावनी लगें लेकिन आखिरकार उसका आर्थिक बोझ तो आपको ही उठाना पड़ेगा. एक और बात - मान लीजिए आप लेटेस्ट आईफोन को एक या दो साल की ईएमआई पर खरीद लेते हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि जब तक आपकी किस्तें पूरी होंगी, बाजार में आईफोन का अगला लेटेस्ट मॉडल या तो आ चुका होगा या उसके आने की हलचल शुरू हो चुकी होगी.
नो कॉस्ट ईएमआई की क्या है हकीकत?
महंगे गैजेट्स के लिए कई बार किसी बैंक या विक्रेता की तरफ से नो कॉस्ट यानी बिना लागत वाली ईएमआई जैसी स्कीम्स भी ऑफर की जाती हैं. लेकिन इनके लालच में फंसने से पहले ऑफर को अच्छी तरह समझ लेना भी जरूरी है. कई बार ऑफर में ऐसी शर्तें छिपी होती हैं, जो पहली नजर में समझ नहीं आतीं. आपको देखना होगा कि ऐसे किसी ऑफर के साथ क्या कोई प्रॉसेसिंग फीस जुड़ी है? और अगर इस ऑफर के लिए आपको प्रोडक्ट पर मिल रहे किसी बड़े डिस्काउंट से हाथ धोना पड़ रहा है, तो वह भी आपके लिए एक लागत ही है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि ईएमआई की सहूलियत अगर आपके फाइनेंशियल डिसीप्लीन यानी आर्थिक अनुशासन को बिगाड़ रही है तो आपको इससे दूर ही रहना चाहिए.
क्रेडिट कार्ड लोन से तो दूर ही रहें
लेटेस्ट आईफोन खरीदने के लिए क्रेडिट कार्ड के लोन का इस्तेमाल करना तो बिलकुल भी सही नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आम तौर पर क्रेडिट कार्ड पर सबसे ज्यादा ब्याज देना पड़ता है. यह ब्याज दर सालाना 30 से 40 फीसदी तक हो सकती है. जाहिर है इतना ब्याज देना पड़े तो पहले से महंगा आईफोन और भी महंगा पड़ जाएगा.
क्या हो सकता है महंगे गैजेट खरीदने का सही तरीका?
अगर आप वाकई लेटेस्ट आईफोन खरीदना ही चाहते हैं तो बेहतर होगा आप उसके लिए बचत करें. अभी आईफोन खरीदकर ईएमआई भरने से बेहतर होगा आप हर महीने 5-10 हजार रुपये बचाएं और एक साल बाद आईफोन का अगला वर्जन खरीद लें. और यह पैसे अगर आप किसी SIP में निवेश करेंगे तो हो सकता है एक साल में आप अपनी बचत पर अच्छा खासा रिटर्न भी कमा लें. इससे आपका बजट और बढ़ जाएगा. पहले बचत, फिर खरीदारी का ये फ़ॉर्मूला आप सिर्फ आईफोन पर ही नहीं, किसी भी महंगी चीज पर लागू कर सकते हैं.