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अब वीडियो के जरिए भी हो सकेगा KYC, RBI ने किया एलान

RBI ने एलान किया है कि कंपनियां ग्राहक की जानकारी को वीडियो के जरिए भी वेरिफाई कर सकती हैं.

RBI ने एलान किया है कि कंपनियां ग्राहक की जानकारी को वीडियो के जरिए भी वेरिफाई कर सकती हैं.

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अब वीडियो के जरिए भी हो सकेगा KYC, RBI ने किया एलान

RBI ने एलान किया है कि कंपनियां ग्राहक की जानकारी को वीडियो के जरिए भी वेरिफाई कर सकती हैं.

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जब सभी वॉलेट कंपनियों के लिए उनके ग्राहकों का KYC को अनिवार्य करने का एलान किया था, तो कई कंपनियों ने इसका विरोध किया था. उसकी वजह उस पर होने वाला खर्च और इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए लगने वाले कर्मचारी थे. लेकिन अब आरबीआई ने डिजिटल युग को देखते हुए इसके नियमों में कुछ बदलाव किया है. केंद्रीय बैंक ने यह एलान किया है कि कंपनियां ग्राहक की जानकारी को वीडियो के जरिए भी वेरिफाई कर सकती हैं. जहां इससे कंपनियों का खर्च बचेगा, वहीं यह ग्राहकों के लिए भी प्रक्रिया को आसान करेगा.

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प्रक्रिया को आसान करना मकसद

RBI ने जो प्रक्रिया बताई है, वह आसान है- इसमें कंपनी को वीडियो के समय का रिकॉर्ड रखना है, जबकि ग्राहक को केवल वीडियो पर अपने दस्तावेजों को दिखाना होगा और लोकेशन को इनेबल करना होगा जिससे प्रक्रिया को जियो-टैग किया जा सके. हालांकि इसमें यह साफ नहीं है कि वीडियो को कैसे रिकॉर्ड करना है. शुरुआती रिपॉर्ट्स की मानें, तो कंपनियां इसके लिए गूगल वीडियो चैट( Duo) का इस्तेमाल कर सकती हैं लेकिन अभी कुछ भी तय नहीं किया गया है.

इंडिया ट्रांजैक्ट सर्विसेज लिमिटेड (ITSL) के डिजिटल बिजनेस हेड सुनील खोसला का इस पर अलग मत है. उनका मानना है कि सरकार कुछ समय में अपना खुद का ऐप डेवलप कर सकती है, जिसमें यह सभी फीचर्स मौजूद हों. उन्होंने कहा कि प्रक्रिया से खर्च में काफी कटौती होगी.

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डिजिलॉकर अकाउंट होना जरूरी

इसके साथ कुछ डर भी बने हुए हैं. वर्तमान में एक प्रतिनिधि यह काम कर सकता है, लेकिन एक बार वीडियो KYC शुरू होता है, तो उसके लिए हर ग्राहक के पास डिजिलॉकर अकाउंट होना चाहिए. वीडियो और दूसरे वेरिफेशन को सेव करने के लिए यह होना जरूरी है. यह युवा पीढ़ी और शहरों में रहने वाले लोगों के लिए कोई मुश्किल नहीं है. लेकिन डिजिलॉकर को खोलने की प्रक्रिया थोड़ी मुश्किल है, जो ग्रामीण इलाकों के लिए आसान नहीं रहेगी. इसलिए सरकार को पहले इस बात की पुष्टि करनी होगी कि डिजिलॉकर खोलने की प्रक्रिया को आसानी से किया जा सके.

इस सर्विस से कंपनियों को अकाउंट खोलने और ग्राहक को वेरिफाई करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही डिजिलॉकर के जरिए दस्तावेजों को शेयर कर सकेंगे. तो, ग्राहक के लिए KYC की प्रक्रिया आसान है. एक डिजिलॉकर अकाउंट खोलिए, इसे सरकार की वीडियो सर्विस या Google Duo, जो भी RBI ने बताया है, उससे लिंक करिए.

अपनी लोकेशन की सर्विस को ऑन रखिए और इस बात का ध्यान रखिए कि वीडियो के समय आपकी तस्वीर और दस्तावेज साफ दिखें. डिजिलॉकर लिंक करना और वीडियो केवाईसी ई-वेरिफेकिशन की तरह पहला कदम है. अगर यह सफल रहता है, तो सरकार इसका दूसरी सेवाओं के लिए भी विस्तार कर सकती है.

Rbi Reserve Bank Of India