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वनप्लस (OnePlus) ने एलान किया कि वह बग बाउंटी प्रोग्राम में 4.9 लाख रुपये तक का इनाम देगी.
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साइबर सिक्योरिटी को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं. इस बीच टेक कंपनियां भी इससे जुड़े खतरे से लड़ने के लिये कदम उठा रही हैं. प्रीमियम स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी वनप्लस (OnePlus) ने एलान किया कि वह बग बाउंटी प्रोग्राम में 7,000 अमेरिकी डॉलर (4.9 लाख रुपये) तक का इनाम देगी. यह उन सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के लिये है जो वनप्लस के सिस्टम के संभावित खतरों को ढूंढ़ेगें और उसकी सूचना देंगे.
HackerOne के साथ पार्टनरशिप
कंपनी ने HackerOne के साथ भी पार्टनरशिप की है. यह एक हैकर पावर्ड सिक्योरिटी प्लेटफॉर्म है जिसका इस्तेमाल कंपनी साइबर खतरों से यूजर्स को बचाने के लिये करेगी. वनप्लस ग्लोबल सिक्योरिटी रिस्पॉन्स सेंटर कई शैक्षणिक और सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स की मदद लेगा. वनप्लस ने एक बयान में कहा कि ये पूरी जिम्मेदारी के साथ वनप्लस के सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकने वाली चीजों को ढूंढ़ेंगे और उनके बार में कंपनी को सूचित करेंगे. बयान के मुताबिक, इससे वनप्लस को यूजर सिक्योरिटी के बाहरी खतरों से निपटने में मदद मिलेगी.
दुनिया भर के सिक्योरिटी रिसर्चर्स इस नए बग बाउंटी प्रोग्राम के जरिये वनप्सल के सिक्योरिटी से जुड़े मुद्दों को खोजकर इनके बारे में कंपनी को रिपोर्ट कर सकेंगे. बयान में कहा गया है कि इसमें क्वालिफाई करने वाली बग रिपोर्ट्स को इनाम मिलेंगे. इसमें 50 अमेरिकी डॉलर से लेकर 7,000 अमेरिकी डॉलर तक के इनाम शामिल होंगे.
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वनप्लस के तकनीकी एक्सपर्ट्स करेंगे आंकलन
सिक्योरिटी रिसर्चर्स को इन संभावित खतरों को वनप्लस की आधिकारिक वेबसाइट, वनप्लस कम्युनिटी फॉरम और वनप्लस एप्लीकेशन्स पर रिपोर्ट करने के लिये कहा गया है. इन रिपोर्ट्स को वनप्लस के तकनीकी एक्सपर्ट्स रिव्यू करेंगे. वनप्लस के फाउंडर और सीईओ Pete Lau ने कहा कि कंपनी ग्राहकों की जानकारी की सुरक्षा और निजता को बहुत प्राथमिकता देती है. उनके मुताबिक यह दोनों प्रोजेक्ट्स यूजर्स के डेटा की सुरक्षा को लेकर कंपनी की प्राथमिकता को दिखाते हैं. कंपनी इसके लिये ज्यादा सुरक्षित सिस्टम और डेटा लाइफसाइकिल पर काम कर रही है.
कंपनी के मुताबिक, HackerOne के साथ पार्टनरशिप से कंपनी को सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का एक बड़ा नेटवर्क मिलेगा जिससे वह कई बड़े सिक्योरिटी खामियों का पता लगा सकेगी जिसका बाहरी एक्टर्स फायदा उठा सकते थे. HackerOne के साथ यह समझौता पायलट प्रोग्राम की तरह शुरू होगा जिसमें कुछ चुने हुए रिसर्चर्स को वनप्लस सिस्टम को संभावित खतरों से टेस्ट करने के लिये आमंत्रित किया जाएगा.