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संसद की एक समिति ने गुरुवार को पेटीएम के प्रतिनिधियों से कंपनी में चीनी कंपनियों के निवेश के बारे में सवाल पूछे.
संसद की एक समिति ने गुरुवार को पेटीएम के प्रतिनिधियों से कंपनी में चीनी कंपनियों के निवेश के बारे में सवाल पूछे. समिति ने उनसे यह भी कहा कि जिस सर्वर में ग्राहकों का डेटा है, उसे भारत में ही स्टोर किया जाना चाहिए. सूत्रों ने कहा कि पेटीएम के टॉप अधिकारी पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश हुए और प्रस्तावित कानून को लेकर डेटा के प्रबंधन समेत महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने सुझाव दिए.
विदेश में डेटा रखने पर पूछा सवाल
विभिन्न दलों के सदस्यों वाली समिति ने पेटीएम से यह पूछा कि जिस सर्वर में ग्राहकों के डेटा रखे गए, वह विदेश में क्यों है जबकि कंपनी भारतीय इकाई होने का दावा करती है.
सूत्रों के मुताबिक समिति के सदस्यों ने पेटीएम के प्रतिनिधियों से कहा कि ग्राहकों के डेटा वाले सर्वर को भारत में स्टोर किया जाना चाहिए. समिति के सदस्यों ने यह भी जानना चाहा कि कंपनी के डिजिटल भुगतान सेवा में चीनी निवेश कितना है. क्योंकि पेटीएम अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर स्वयं के उत्पाद भी बेच रही है, इसको देखते हुए हितों के टकराव की संभावना के बारे में सवाल पूछे गए.
पेटीएम ने समिति के सामने कहा कि संवेदनशील और व्यक्तिगत डेटा विश्लेषण को लेकर भारत के बाहर ट्रांसफर किया जा सकता है. लेकिन ऐसा आंकड़े से जुड़े व्यक्ति की जरूरी मंजूरी के बाद ही हो सकता है. फेसबुक, ट्विटर और अमेजन पहले ही समिति के सामने अपनी बातें रख चुकी हैं.
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ओला और उबर को होना है पेश
जबकि दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो और एयरटेल और ऑनलाइन वाहन बुकिंग सेवा देने वाली ओला और उबर से समिति के सामने पेश होने को कहा गया है. भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता वाली समिति पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 पर विचार कर रही है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 11 दिसंबर 2019 को पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल लोकसभा में पेश किया था.
विधेयक में लोगों से जुड़ी उनकी निजी जानकारी के संरक्षण और डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के गठन का प्रस्ताव किया गया है. विधेयक को बाद में विचार के लिए संसद के दोनों सदनों की ज्वॉइंट सिलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया. प्रस्तावित कानून किसी व्यक्ति की सहमति के बिना संस्थाओं द्वारा पर्सनल डेटा की प्रोसेसिंग और इस्तेमाल पर रोक लगाता है.