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रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों और पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स को एक चेतावनी जारी की है. यह चेतावनी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म्स पर संभावित फ्रॉड ट्रांजेक्शंस को लेकर है. RBI ने कहा है कि यह कॉशनरी नोटिस इसलिए जारी किया जा रहा है क्योंकि UPI प्लेटाफॉर्म के इस्तेमाल से फ्रॉड होने की घटनाएं बढ़ रही हैं.
14 फरवरी के अलर्ट में RBI ने कहा है कि एनीडेस्क (AnyDesk) नाम के मोबाइल ऐप को कथित रूप से कस्टमर के फोन्स टार्गेट करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
क्या करता है ऐप?
RBI के साइबर सिक्योरिटी और IT एग्जामिनेशन सेल द्वारा जारी अलर्ट के मुताबिक, फोन पर इस ऐप को इंस्टॉल करने के बाद यह अन्य ऐप्स की तरह ही कस्टमर्स से फोन के कंट्रोल एक्सेस करने के लिए परमीशन मांगता है. लेकिन उसके बाद यह ऐप फोन में मौजूद अन्य पेमेंट्स ऐप्स के जरिए फ्रॉड ट्रांजेक्शन करने के लिए कॉन्फिडेंशल डाटा चुराता है.
केवल UPI तक सीमित नहीं है अलर्ट
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के सीनियर अधिकारी के मुताबिक, RBI का अलर्ट केवल UPI प्लेटफॉर्म तक सीमित नहीं है बल्कि यह मोबाइल पेमेंट्स की अन्य फॉर्म के लिए भी है. NPCI एनीडेस्क ऐप को रिमूव करने के लिए मोबाइल ऐप स्टोर्स को नोटिस जारी नहीं कर सकता है, इसलिए आम लोगों को बड़े पैमाने पर चेतावनी वाले नोटिस जारी करने की प्लानिंग है. ताकि वे फ्रॉड ट्रांजेक्शंस से बच सकें.
अभी तक किसी के शिकार बनने की खबर नहीं
हाई कोर्ट के वकील और साइबर एक्सपर्ट प्रशांत माली ने कहा कि ऐसा लगता है कि या तो ऐप के साथ छेड़छाड़ हुई है या फेक ऐप्स बनाए गए हैं, जो पासवर्ड कैप्चर करते हैं और थर्ड पर्सन को कस्टमर्स के मोबाइल का कंट्रोल देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि अभी तक किसी कंज्यूमर की ओर से फ्रॉड ट्रांजेक्शन होने की शिकायत नहीं आई है. एक मसला यह भी है कि अगर लोग शिकार भी हुए हैं तो वे नहीं दर्शाएंगे कि कितना पैसा गया. इसकी वजह है कि उन्हें बताना पड़ेगा कि उन्होंने ऐप डाउनलोड किया या किसी हाइपरलिंक पर क्लिक किया. ऐसा करने पर उन्हें बैंक या फाइनेंस कंपनियों से पेमेंट नहीं मिलेगा.
जनवरी में भी जारी हुई थी एक एडवायजरी
अपने अलर्ट में RBI ने उल्लिखित किया है कि केन्द्रीय बैंक ने जनवरी 2019 में भी ऐसी ही एक एडवायजरी जारी की थी. वह सर्कुलर वास्तव में NPCI ने जारी किया था ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वास्तविक पेमेंट्स ऐप्स मेकर कस्टमर्स के फोन पर कुछ खास तरह के कंट्रोल लिए हैं.
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