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RBI MPC Meeting: शुरुआत में UPI यूज करने की सुविधा चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले जी-20 देशों के यात्रियों के पास ही होगी. हालांकि आगे चलकर यह सुविधा देश के अन्य सभी एंट्रेंस पॉइंट्स पर शुरू की जाएगी.
RBI MPC Meeting: तीन दिवसीय मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग (MPC) की बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि भारत जी20 देशों से आने वाले सभी यात्रियों को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग करने की इजाजत देगा. इसका एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि जी20 देशों के यात्री जल्द ही भारत में चयनित हवाई अड्डों पर पेमेंट करने के लिए यूपीआई का उपयोग कर सकते हैं.
आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा?
मॉनेटरी पॉलिस मीटिंग (MPC) की बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यूपीआई पर टिप्पणी करते हुआ कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत में रिटेल इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स का सबसे महत्वपूर्ण साधन बन गया है. हाल ही में उन सभी नॉन रेजिडेंट भारतीयों (NRI) को इसकी एक्सेस दी गई है. जिनके पास अपने NRE / NRO खातों से जुड़े इंटरनेशनल मोबाइल नंबर हैं वो इसका उपयोग कर सकते हैं. अब भारत आने वाले सभी G20 देशों के यात्रियों को देश में रहने के दौरान मर्चेंट पेमेंट्स (P2M) के लिए UPI एक्सेस करने की अनुमति दी जाएगी.
शुरुआत में कुछ हवाई अड्डों पर मिलेगी अनुमति
भारतीय रिजर्व बैंक ने बतया है कि शुरुआत में UPI यूज करने की सुविधा चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले जी-20 देशों के यात्रियों के पास ही होगी. हालांकि आगे चलकर यह सुविधा देश के अन्य सभी एंट्रेंस पॉइंट्स पर शुरू की जाएगी. आरबीआई ने आगे कहा कि इसे कैसे यूज किया जाएगा इसको लेकर ऑपरेशनल निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे.
महामारी के बाद लोकप्रिय हुआ यूपीआई
महामारी के बाद से यूपीआई के जरिये की जाने वाली भुगतान काफी लोकप्रिय हुआ था. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार UPI का उपयोग करने वाले भुगतान जनवरी में 12.98 लाख करोड़ रुपये मूल्य के थे, जबकि दिसंबर 2022 में 12.82 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन की रिपोर्ट की गई थी. जनवरी 2023 में UPI लेनदेन की मात्रा 2.6 प्रतिशत बढ़कर 803 करोड़ हो गई. NPCI के आंकड़ों के अनुसार, नेटवर्क ने FY 2022-23 में 113 करोड़ रुपये के लगभग 6,752 करोड़ पेमेंट्स हुई थी.