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Sim Card KYC verification: फ्रॉड करने वाले लोगों के पकड़े जाने पर उनपर दंडात्मक कार्यवाई भी होगी.
Sim Card KYC verification: फाइनेंशियल फ्रॉड और नकली सिम कार्ड के मुद्दे से निपटने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) नो योर कस्टमर (केवाईसी) मानदंडों में बदलाव की योजना बना रहा है. आने वाले समय में एक आईडी पर 9 सिम के बजाए 5 सिम ही जारी होंगे. सिम जारी करने के लिए डिजिटली वेरिफाइड दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाएगा. यही नहीं, फ्रॉड करने वाले लोगों के पकड़े जाने पर उनपर दंडात्मक कार्यवाई भी होगी.
6 महीने के भीतर जारी हो सकता है नया नियम
DoT की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (AI & DIU) विंग द्वारा नेशनल वर्किंग ग्रुप के परामर्श से छह महीने के भीतर KYC के नए नियम को जारी सकता है. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. नेशनल वर्किंग ग्रुप में आरबीआई और मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी शामिल हैं. केवाईसी मानदंडों में ओवरहालिंग के अलावा, DoT दो महीने के भीतर टेलीकॉम एनालिटिक्स फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन (TAF-COP) पोर्टल पैन-इंडिया लॉन्च करने की भी योजना बना रहा है. फिलहाल यह पोर्टल आंध्र प्रदेश, केरल, राजस्थान, तेलंगाना और जम्मू और कश्मीर जैसे राज्यों में सक्रिय है.
सरकार करेगी AI का उपयोग
फर्जी सिम कार्डों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए AI का भी प्रयोग किया जा रहा है और टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन (ASTR) के लिए फेशियल रिकॉग्निशन भी सरकार द्वारा पूरे भारत में लागू किया जा रहा है. ASTR को हरियाणा के मेवात में एक पायलट प्रोग्राम के रूप में शुरू किया गया था. ASTR का उपयोग करते हुए सरकार जाली दस्तावेजों का उपयोग कर सिम कार्ड का इस्तेमाल करने वाले लोगों की पहचान आसानी से हो सकती है. सितंबर 2021 को सरकार ने सिम कार्ड जारी करने के लिए आधार आधारित ई-केवाईसी प्रक्रिया का प्रावधान पेश किया. केवाईसी मानदंडों में होने वाले बदलाव उसी बदलाव का अगला हिस्सा होगा. वर्तमान में 97% सिम कार्ड डिजिटली वेरिफाइड दस्तावेजों के माध्यम से जारी किए गए हैं.