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स्मार्टफोन यूजर्स को आने वाले दिनों में मोबाइल डाटा और कॉलिंग सर्विसेज के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है. ऐसा इसलिए मुमकिन है क्योंकि टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने मोबाइल डाटा के लिए शुल्क बढ़ाकर न्यूनतम 35 रुपये/GB की दर तय करने की मांग की है. यह मौजूदा दर का करीब 7-8 गुना है. कंपनी ने इसके साथ ही एक मासिक शुल्क के साथ कॉल सेवाओं के लिए 6 पैसे प्रति मिनट की दर तय करने की भी मांग की है. अभी मोबाइल डेटा की दरें 4-5 रुपये प्रति जीबी है. कंपनी ने कहा है कि उसके AGR बकाया का भुगतान करने में सक्षम बनाने और उसके कारोबार को परिचालन योग्य बनाने के लिए 1 अप्रैल से ये नई दरें लागू की जानी चाहिए. हालांकि, ये काफी कठिन मांगें हैं और इन्हें मान पाना सरकार के लिये समस्या है.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, घाटे में चल रही टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का एजीआर बकाया चुकाने के लोकर दबाव में है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत कंपनी को यह सांविधिक बकाया चुकाना है. टेलिकॉम कंपनी ने बकाया चुकाने के लिए 18 साल का समय मांगा है. इसमें ब्याज व जुर्माने के भुगतान से 3 साल की छूट भी मिलनी चाहिए.
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Voda Idea ने 3 माह में 50% तक बढ़ाए रेट
वोडाफोन आइडिया की ओर से कॉल और इंटरनेट दरें बढ़ाने की मांग तीन महीने के भीतर आई है. इस अवधि में कंपनी ने कीमतें 50 फीसदी तक बढ़ा दी हैं. कंपनी के अनुसार, मोबाइल कॉल और डाटा रेट में बढ़ोतरी से वोडाफोन आइडिया अपना रेवेन्यू उसी तरह जेनरेट कर सकेगी, जैसा वोडाफोन और आइडिया ने अलग-अलग कंपनी के तौर पर 2015-16 में किया था.
अभी 53 हजार करोड़ रुपये का AGR बकाया
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, वोडाफोन-आइडिया पर करीब 53 हजार करोड़ रुपये का AGR बकाया है. कंपनी ने अब तक टेलिकॉम डिपार्टमेंट को महज 3,500 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है. कंपनी चाहती है कि एक अप्रैल 2020 से मोबाइल डेटा का शुल्क न्यूनतम 35 रुपये प्रति गीगाबाइट (GB) तथा न्यूनतम 50 रुपये का मासिक कनेक्शन शुल्क निर्धारित हो. ये काफी कठिन मांगें हैं और इन्हें मान पाना सरकार के लिये समस्या है.