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रिसर्च फर्म काउंटरप्वॉइंट की स्टडी में यह बात सामने आई है.
मेट्रो और टीयर-1 शहरों में हर चार में से एक स्मार्टफोन यूजर को फोन खरीदने के छह महीने के भीतर सर्विस सेंटर जाना होता है, जबकि वह वारंटी से बाहर हो चुके अपने हैंडसेट को ठीक कराने पर औसत 2,400 रुपये खर्च करते हैं. रिसर्च फर्म काउंटरप्वॉइंट की स्टडी में यह बात सामने आई है. स्टडी एक कंज्यूमर सर्वे पर आधारित है. इसमें पाया गया है कि ओप्पो (Oppo), Xiaomi, वीवो (Vivo) और सैमसंग (Samsung) के सबसे ज्यादा संख्या में ग्राहक उनकी सेल के बाद की सर्विस से संतुष्ट हैं.
सर्वे में एक हजार ग्राहकों से सवाल किया गया जिन्होंने अहमदाबाद, चैन्नई, बेंगलुरू, नोएडा, कोलकाता जैसे शहरों में ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर्स में जाकर अपनी सर्विस को पूरा कराया है.
Oppo के बाद Vivo और Samsung से खुश
इसमें ओप्पो सबसे ज्यादा संतुष्ट ग्राहकों की संख्या के साथ टॉप पर रही. 93 फीसदी ग्राहकों ने कंपनी की सर्विस को शानदार या बहुत अच्छी कहा. इसके बाद 83 फीसदी के साथ वीवो और सैमसंग 81 फीसदी यूजर्स के साथ हैं. ओप्पो सबसे तेज सर्विस के मामले में भी टॉप पर है जिसमें 73 फीसदी ग्राहकों ने कहा कि उन्हें उनके फोन उसी दिन मिल गए, जिस दिन उन्होंने शिकायत दर्ज की थी. दूसरे स्थान पर रियलमी है, जिसमें 72 फीसदी ग्राहकों को उसी दिन अपने फोन मिल गए थे. वीवो इस मामले में तीसरे स्थान पर है.
सर्विस के लिए वेटिंग टाइम भी Oppo में सबसे कम
ओप्पो की कस्टमर सर्विस के लिए वेटिंग टाइम सबसे कम है. 50 फीसदी ग्राहकों ने दावा किया कि सर्विस सेंटर पहुंचने के 15 मिनट के भीतर उन्हें बुला लिया गया था. रियलमी, सैमसंग और शाओमी ग्राहकों के वेटिंग टाइम के मामले में अगले स्थान पर आते हैं. सर्वे में यह भी पाया गया है कि ओप्पो के फोन को ठीक करने के मामले में सबसे बेहतर स्टैंडर्ड हैं और इसमें स्पेयर पार्ट्स तैयार रखे जाते हैं, उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में ऐसा नहीं है.