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Image: Reuters
भारत में अभी मोबाइल सेवाओं की दरें तार्किक नहीं हैं. मौजूदा दरों पर बाजार में बने रहना मुश्किल है, अत: दरों में बढ़ोतरी जरूरी है. यह बात टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल (Airtel) के चेयरमैन सुनील मित्तल (Sunil Bharti Mittal) ने कही है. उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई निर्णय लेने से पहले बाजार की परिस्थितियों को देखा जायेगा. मित्तल ने एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं.
अगली पीढ़ी के 5जी नेटवर्क में चीन के दूरसंचार उपकरण मैन्युफैक्चरर्स को भागीदारी की मंजूरी मिलेगी या नहीं, इस बारे में पूछे जाने पर मित्तल ने कहा कि बड़ा सवाल देश के निर्णय का है. देश जो भी निर्णय लेगा, हर कोई उसे स्वीकार करेगा.
नियामक के कदम उठाये बिना एयरटेल नहीं करेगी पहल
उन्होंने कहा, जहां तक दूरसंचार सेवाओं की दरों का सवाल है, एयरटेल ने इस बारे में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. एयरटेल मजबूती से यह मानती है कि दरों में वृद्धि की जानी चाहिये. मित्तल ने कहा, ‘‘मौजूदा दरें टिकाऊ नहीं हैं, लेकिन एयरटेल बिना बाजार के या नियामक के कदम उठाये खुद से पहल नहीं कर सकती है. उद्योग जगत को एक समय पर दरें बढ़ाने की जरूरत होगी. हमें ऐसा करते समय बाजार की परिस्थितियों को देखना होगा.’’ मित्तल से यह पूछा गया था कि भारतीय बाजार में दूरसंचार सेवाओं की दरें बढ़ाने के लिये क्या यह समय ठीक लगता है और क्या एयरटेल इस दिशा में पहल करेगी या प्रतिस्पर्धियों के कदम उठाने की प्रतीक्षा करेगी?
160 रु में 16 जीबी/माह डेटा को बताया था त्रासदी
उल्लेखनीय है कि मित्तल ने इस साल अगस्त में इस बारे में टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि 160 रुपये में एक महीने के लिये 16 जीबी डेटा देना त्रासदी है. कंपनी का कहना रहा है कि टिकाऊ कारोबार के लिये प्रति ग्राहक औसत राजस्व को पहले 200 रुपये और धीरे-धीरे बढ़कर 300 रुपये तक पहुंचना चाहिये. सितंबर तिमाही में भारती एयरटेल का प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) 162 रुपये रहा था. यह राजस्व इससे पहले जून, 2020 तिमाही में 128 रुपये और जून, 2019 तिमाही में 157 रुपये रहा था. मित्तल ने एक बार फिर से दूरसंचार क्षेत्र में कर की ऊंची दरों और अधिक शुल्कों की बात दोहरायी. उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र अधिक पूंजी लगाने की जरूरत वाला क्षेत्र है. इसमें नेटवर्क, स्पेक्ट्रम, टावर और प्रौद्योगिकी में लगातार निवेश करते रहने की जरूरत होती है.