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दुनिया के सबसे अमीर शख्स मस्क टेस्ला और स्पेस एक्स के सीईओ हैं.
दुनिया भर में कार्बन डाई ऑक्साईड को लेकर नीतियां बनाई जा रही हैं और इसे कम करने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी कड़ी में दुनिया के सबसे अमीर शख्स और टेस्ला व स्पेस एक्स के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने बेहतरीन कॉर्बन कैप्चर टेक्नोलॉजी के लिए 10 करोड़ डॉलर (730 करोड़ रुपये) के इनाम की घोषणा की है. कॉर्बन कैप्चर टेक्नोलॉजी का मतलब वायुमंडल में मौजूद कॉर्बन को अवशोषित करने वाली तकनीक से हैं. मस्क ने जल्द ही अन्य डिटेल्स देने की बात ट्विटर पर कही है.
Am donating $100M towards a prize for best carbon capture technology
— Elon Musk (@elonmusk) January 21, 2021
दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण हो चुका है और जलवायु परिवर्तन को पटरी पर लाने की कवायदें जारी हैं. इसके लिए कार्बन उत्सर्जन में कमी को प्रोत्साहित किया जा रहा है जबकि वायुमंडल में मौजूद कार्बन को अवशोषित करने के लिए खास प्रयास नहीं हो रहे हैं.
Carbon Capture Technology से हल हो सकती है समस्या
ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से निपटने के लिए कॉर्बन कैप्चर टेक्नोलॉजी बेहतर समाधान है. इसके तहत फॉसिल्स ईंधन के जलने से जो कॉर्बन डाई ऑक्साइड निकलता है, उसे अवशोषित किया जा सकता है. इस तकनीक के सहारे वायुमंडल से कॉर्बन डाई ऑक्साईड को अवशोषित कर उसे एक प्रक्रिया (कंप्रेशन) के तहत तरल रूप (लिक्विड फॉर्म) में बदला जाता है. इसके बाद कॉर्बन डाई ऑक्साईड को पाइपलाइन के जरिए जमीन के अंदर बनाए गए स्टोरेज में संग्रहित किया जाता है. इस का इस्तेमाल फिर बॉयोकॉर्बोनेट जैसे औद्योगिक उत्पादों को बनाने में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden ग्लोबल वार्मिंग को लेकर गंभीर
अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन जलवायु परिवर्तन के लिए गंभीर हैं. उन्होंने राष्ट्रपति का पदभार संभालते ही सबसे पहले जो फैसले लिए, उनमें से पेरिस जलवायु समझौते में फिर से शामिल होना रहा है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अमेरिका को बाहर कर लिया था जिसकी बहुत आलोचना हुई थी. इस समझौते का उद्देश्य ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा को उस स्तर तक लाना है, जिस पर वृक्षों, महासागरों व मिट्टी द्वारा इसे स्वाभाविक रूप से अवशोषित किया जा सके.