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TRAI's New Tariff: उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने बुधवार को केबल और प्रसारण सेवाओं के लिए नया रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पेश किया. इसके तहत केबल टीवी के ग्राहक कम कीमत पर अधिक चैनल देख सकेंगे. खास बात यह है कि नियामक ने उपभोक्ताओं द्वारा सभी ‘फ्री टू एयर’ चैनलों के लिए दिए जाने वाले मासिक शुल्क की सीमा 160 रुपये तय कर दी है.
ट्राई ने बयान में कहा कि कई टीवी वाले घर यानी जहां एक से अधिक टीवी कनेक्शन एक व्यक्ति के नाम पर हैं, वहां दूसरे और अतिरिक्त टीवी कनेक्शनों के लिए चार्ज घोषित नेटवर्क क्षमता शुल्क (NCF) का अधिकतम 40 फीसदी तक लिया जाएगा.
अनिवार्य चैनल नहीं आएंगे NCF के दायरे में
विभिन्न प्रावधानों की समीक्षा के बाद ट्राई ने 200 चैनलों के लिए अधिकतम एनसीएफ शुल्क (कर रहित) को घटाकर 130 रुपये कर दिया है. इसके अलावा नियामक ने फैसला किया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जिन चैनलों को अनिवार्य घोषित किया है, उन्हें एनसीएफ चैनलों की संख्या में नहीं गिना जाएगा.
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लॉन्ग टर्म सब्सक्रिप्शन लेने पर मिलेगी छूट
इसके अलावा ट्राई ने वितरण प्लेटफॉर्म परिचालकों (डीपीओ) को लंबी अवधि यानी छह महीने अथवा अधिक के सब्सक्रिप्शन पर रियायत देने की भी अनुमति दे दी है. ट्राई ने कहा है कि एक पैक में शामिल भुगतान वाले चैनलों के अ-ला-कार्टे रेट किसी भी मामले में उस पैक की रेट के डेढ़ गुना से ज्यादा नहीं होंगे.
एक पैक में शामिल भुगतान वाले किसी चैनल की एमआरपी किसी भी सूरत में पैक में शामिल पे चैनल के एवरेज रेट के तीन गुने से ज्यादा नहीं होगी. ट्राई ने यह भी फैसला किया है कि ऐसे पैक, जिन्हें ब्रॉडकास्टर्स सुझाते हैं, उनमें केवल 12 रुपये या उससे कम एमआरपी वाले चैनल ही शामिल करने की अनुमति होगी.
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