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COVID19 असर: बनाइए वर्ल्ड क्लास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्युशन, सरकार देगी 1 करोड़ का इनाम

यह चैलेंज भारतीय स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स के लिए है.

यह चैलेंज भारतीय स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स के लिए है.

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Ritika Singh
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Union Minister Ravi Shankar Prasad Announced Innovation Challenge for Indian startups and innovators for developing a world class video conferencing solution, prize money is 1 crore rupee

Union Minister Ravi Shankar Prasad Announced Innovation Challenge for Indian startups and innovators for developing a world class video conferencing solution, prize money is 1 crore rupee

केन्द्रीय मंत्री ​रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए एक इनोवेशन चैलेंज की घोषणा की है. यह चैलेंज भारतीय स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स के लिए है. चैलेंज के तहत एक वर्ल्ड क्लास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्युशन विकसित करना होगा. यह चैलेंज डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का हिस्सा है. इस वक्त देश में लागू लॉकडाउन के चलते ज्यादातर लोग व कंपनियां वर्क फ्रॉम होम का इस्तेमाल कर रहे हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी इसका एक हिस्सा है.

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​जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्युशन चैलेंज जीतेगा, उसे भारत सरकार, राज्य सरकारें 4 साल तक इस्तेमाल करने के​ लिए कॉन्ट्रैक्ट करेगी. साथ ही विजेता को 1 करोड़ रुपये की राशि इनाम में मिलेगी.

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तीन चरणों में होगा चैलेंज

यह चैलेंज 3 चरणों में होगा- आइडिएशन, प्रोटोटाइप और सॉल्युशन बिल्डिंग. चैलेंज में टीम्स के रूप में हिस्सा लिया जा सकता है. आइडिएशन स्टेज में टीम्स को अपने इनोवेटिव आइडिया देने होंगे. टॉप 10 टीम्स को इस स्टेज से चुना जाएगा और हर टीम को प्रोटोटाइप बनाने के​ लिए 5 लाख की फंडिंग मिलेगी.

प्रोटोटाइप स्टेज में चुनी गई टीम्स को अपने सॉल्युशन का प्रोटोटाइप तैयार करना होगा, जिसे ज्यूरी के सामने पेश करना होगा. इस स्टेज से टॉप 3 टीम्स को फाइनल स्टेज के लिए चुना जाएगा और हर टीम को सॉल्युशन विकसित करने के लिए 20 लाख की फंडिंग मिलेगी.

फाइनल स्टेज में चुनी गई टीम्स को अपना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्युशन विकसित करना होगा. विजेता को 1 करोड़ रुपये की धनराशि इनाम स्वरूप मिलेगी. साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद की ओर से सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा कि यह सॉल्युशन भारत सरकार और राज्य सरकारें एक साल के लिए इस्तेमाल करेंगी. इसके आगे के 3 सालों के लिए प्रत्येक साल ऑपरेशंस व मेंटिनेस के लिए 10 लाख रुपये का सपोर्ट दिया जाएगा. नियम व शर्तें कॉन्ट्रैक्ट में उल्लिखित रहेंगी.

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कौन ले सकता है हिस्सा

चैलेंज में भाग लेने वाली टीम्स का पंजीकृत भारतीय कंपनी/स्टार्टअप होना जरूरी नहीं है. हालांकि पहली स्टेज में चुनी गई 10 टीमों को खुद को भारतीय स्टार्टअप या कंपनी के तौर पर पंजीकृत कराना होगा और इसका प्रमाण दूसरी स्टेज में प्रोटोटाइप को सबमिट करते वक्त देना होगा. ऐसी उम्मीद की जाएगी कि फाइनल स्टेज तक पहुंचते-पहुंचते उनका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा.

इस चैलेंज के बारे में डिटेल्ड जानकारी https://startups.meitystartuphub.in/public/application/inc/5e92ec1269e3401cd7bc6db7 और file:///C:/Users/user/Downloads/DETAILED%20DOCUMENT.pdf से ली जा सकती है.

Ravishankar Prasad Information Technology