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चोरी या गुम हुए मोबाइल का मिनटों में पता लगेगा! मोदी सरकार ने शुरू किया ये खास प्रोजेक्ट

केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत ​फिलहाल दिल्ली के ग्राहकों के लिए की है.

केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत ​फिलहाल दिल्ली के ग्राहकों के लिए की है.

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Union Minister Ravi Shankar Prasad Launches Central Equipment Identity Register for tracing Stolen/Lost Mobiles in Delhi how CEIR will ease mobile phone tracing

केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत ​फिलहाल दिल्ली के ग्राहकों के लिए की है.

Union Minister Ravi Shankar Prasad Launches Central Equipment Identity Register for tracing Stolen/Lost Mobiles in Delhi how CEIR will ease mobile phone tracing केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत ​फिलहाल दिल्ली के ग्राहकों के लिए की है.

मोबाइल फोन चोरी होने या खो जाने पर सबसे बड़ा डर पर्सनल डेटा या फाइनेंशियल डेटा के साथ फ्रॉड या छेड़छाड़ का रहता है. मोदी सरकार ने मोबाइल फोन सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए एक नई पहल की है, इससे खोये हुए मोबाइल का पता लगाना आसान होगा. केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत ​फिलहाल दिल्ली के ग्राहकों के लिए की है.

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केंद्रीय संचार, विधि और न्‍याय तथा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने दिल्‍ली के ग्राहकों के लिए ‘केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर (CEIR)’ नाम के एक वेब पोर्टल की शुरुआत की. बता दें,  देश में फोनों की संख्‍या 100 की आबादी के पीछे 242 मोबाइल हो गई है.

प्रसाद ने कहा कि मोबाइल सुरक्षा हमारी राष्‍ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए, क्‍योंकि मोबाइल हैंडसेट हर प्रकार के ऑनलाइन कार्यों के लिए एक महत्‍वपूर्ण उपकरण बन गया है. बता दें, दिल्ली में मोबाइल फोन चोरी का आंकड़ा सालाना 40,000 तक पहुंच चुका है.

क्यों पड़ी CEIR की जरूरत?

दूरसंचार सचिव और डिजिटल संचार आयोग के अध्‍यक्ष अंशु प्रकाश का कहना है कि मोबाइल को एक सिस्टम के साथ सुरक्षित करना आवश्यक हो गया है. अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (IMEI) मोबाइल फोन की एक यूनिक पहचान है. 'सिम कार्ड के साथ एक फोन' IMEI नंबर के साथ प्रोग्राम किया हुआ होता है. आईएमईआई प्रोग्राम किया हुआ होने के कारण कुछ अपराधी आईएमईआई संख्‍या को दोबारा प्रोग्राम कर लेते हैं, जिसके चलते उसी आईएमईआई संख्‍या के साथ अनेक उपकरणों की आईएमईआई की क्‍लोनिंग हो जाती है. आज की तारीख में नेटवर्क में क्‍लोन/डुप्‍लीकेट आईएमईआई हैंडसेट के अनेक मामले हैं.

अंशु प्रकाश का कहना है कि यदि ऐसे आईएमईआई को ब्‍लॉक कर दिया जाए, तो समान आईएमईआई के साथ हैंडसेट होने के कारण बड़ी संख्‍या में मोबाइल फोन ब्‍लॉक हो जाएंगे, जिससे अनेक ग्राहकों को असुविधा होगी. अत: नेटवर्क से डुप्‍लीकेट/फर्जी आईएमईआई मोबाइल फोनों को हटाने की आवश्‍यकता है. इसके लिए केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर (सीईआईआर) प्रणाली को दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट की दोबारा प्रोग्रामिग सहित सुरक्षा, चोरी और अन्‍य चिंताओं को दूर करने के लिए हाथ में लिया है.

दिल्‍ली में प्रोजेक्ट से क्या बदलेगा?

  • चोरी अथवा खोये हुए मोबाइल फोन को ब्‍लॉक कराने का ग्राहकों का अनुरोध.
  • मोबाइल नेटवर्क पर ऐसे मोबाइल फोनों को ब्‍लॉक कराना.
  • समान आईएमईआई नंबर के साथ मोबाइल फोन वाले अन्‍य वर्तमान ग्राहकों के लिए सेवाओं की अनुमति.
  • मोबाइल का पता लग जाने की तारीख को पुलिस अधिकारियों के साथ साझा करना.
  • चोरी अथवा खोये हुए मोबाइल फोनों के बरामद होने पर उन्‍हें खोलना.
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