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New UPI Rules: ये नए बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे, और UPI से जुड़े सभी बैंक, UPI ऐप्स और थर्ड-पार्टी ऐप्स को इन्हें मानना होगा. (Image: IE File)
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपनी पहले की सर्कुलर में बदलाव करते हुए एक नया गाइडलाइन जारी किया है. इसका उद्देश्य UPI नंबर से होने वाले डिजिटल पेमेंट्स (Digital Payment) को और बेहतर और सुरक्षित बनाना है. ये नए बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे, और UPI से जुड़े सभी बैंक, UPI ऐप्स और थर्ड-पार्टी ऐप्स को इन्हें मानना होगा.
UPI नंबर मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव
नई गाइडलाइन 2021 के नियमों को और बेहतर बनाती है और जुलाई 2024 में हुई UPI स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की सिफारिशों को भी इसमें शामिल किया गया है. इसका मुख्य मकसद नंबरों को सही तरीके से मैनेज करना, पुराने मोबाइल नंबरों से होने वाली गलतियों को रोकना और यूजर की सहमति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है. यहां प्रमुख बदलावों के बारे में विस्तार से जानें
मोबाइल नंबर के बदलाव पर हफ्ते में एक बार अपडेट
बैंकों और प्लेट स्टेशन पोर्टेबल (PSP) ऐप्स जैसे Google Pay (GPay), PhonePe, Paytm, Amazon Pay, BHIM UPI, MobiKwik, Truecaller Pay को अपने डाटाबेस को हर हफ्ते कम से कम एक बार मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (Mobile Number Revocation List-MINRL) या डिजिटल इंटेलीजेंस प्लेटफार्म (Digital Intelligence Platform-DIP) का इस्तेमाल करके अपडेट करना होगा. मतलब ये है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका डाटाबेस हमेशा अपडेटेड और सही जानकारी से भरा हो, ताकि पुराने या कैंसिल किए गए मोबाइल नंबरों से जुड़ी गलतियां न हों. यह कदम मोबाइल नंबर के बदलाव से होने वाली गलतियों को कम करने के लिए है, जब पहले से दिए गए नंबरों को नए यूजर्स को फिर से अलोकेट कर दिया जाता है.
UPI ऐप्स को UPI नंबर सीडिंग या पोर्टिंग से पहले लेनी होगी सहमति
UPI ऐप्स को UPI नंबर सीडिंग (जोड़ने) या पोर्टिंग (ट्रांसफर करने) से पहले यूजर्स से स्पष्ट सहमति लेनी होगी. सहमति हासिल करने की प्रक्रिया में ऑप्ट इन ऑप्शन (opt-in choice) बाई डिफॉल्ट होगा यानी यूजर्स को अपने UPI नंबर को एक्टिवेट करने के लिए मैनुअली ऑप्शन को सेलेक्ट करना होगा. इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सहमति मांगने का तरीका साफ, सरल और दबाव रहित हो, ताकि यूजर को गुमराह या मजबूर न किया जाए.
सहमति लेने के समय पर होंगी कुछ पाबंदियां
- यूजर से ट्रांजेक्शन से पहले या उसके दौरान सहमति नहीं मांगना चाहिए.
- UPI नंबर को सीड करने या पोर्ट करने से संबंधित किसी भी संदेश में यूजर्स को यह नहीं बताना चाहिए कि अगर वे कार्रवाई नहीं करते हैं तो उन्हें भुगतान प्राप्त करने से रोका जा सकता है.
यह नई गाइडलाइन डिजिटल पेमेंट को और सुरक्षित, पारदर्शी और यूजर्स के लिए सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से लागू किए जा रहे हैं. सभी UPI सदस्य, जिसमें बैंक, ऐप्स और थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर्स शामिल हैं, को इन बदलावों को 31 मार्च 2025 तक लागू करना होगा। यह अपडेटेड फ्रेमवर्क सुरक्षा को बढ़ाने, धोखाधड़ी को रोकने और UPI-आधारित ट्रांजेक्शन (Digital Payments) में यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.