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वोडाफोन आइडिया के 50 फीसदी सब्सक्राइबर्स अभी भी 2जी सर्विसेज का इस्तेमाल करते हैं जो कम कीमत वाला रिचार्ज पैक कराते हैं.
सिर्फ अपना नंबर चालू रखने के लिए मिनिमम प्रीपेड रिचार्ज कराना भी अब महंगा होता जा रहा है. एयरटेल (Airtel) के बाद टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने 28 दिनों के एंट्री-लेवल प्रीपेड प्लान को 61 फीसदी महंगा कर दिया है. 28 दिनों की वैधता वाले पैक के लिए अब ग्राहकों को 49 रुपये की बजाय 79 रुपये चुकाने होंगे. वोडाफोन आइडिया ने देश भर के अधिकतर सर्किल्स में 79 रुपये के प्लान को 28 दिनों की वैधता के साथ एंट्री-लेवल पैक बना दिया है. आंध्र प्रदेश के कुछ सर्किल्स में अभी भी 28 दिनों की वैधता वाला 49 रुपये का प्लान एंट्री-लेवल पैक है लेकिन जल्द ही इसे 79 रुपये के प्लान से बदल दिया जाएगा. 79 रुपये के पैक में ग्राहकों को 54 रुपये का टॉकटाइम और ऐप के जरिए रिचार्ज कराने पर 200 एमबी डेटा मिल रहा है. इस बदलाव के बाद भी 100 रुपये से कम के प्रीपेड पैक्स सबसे अधिक वोडाफोन आइडिया में ही हैं. कंपनी 79 रुपये से कम के रिचार्ज के तौर पर 14 दिनों की वैधता वाला पैक 49 रुपये में और 21 दिनों की वैधता वाला पैक 65 रुपये में उपलब्ध करा रही है.
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एंट्री-लेवल पैक में एसएमएस भेजने की सुविधा नहीं
79 रुपये के एंट्री प्लान के तहत ग्राहकों को एसएमएस भेजने की सुविधा नहीं मिलेगी. 100 रुपये या इससे कम के किसी भी कांबो/वैलिडिटी पैक के साथ वोडाफोन आइडिया एसएमएस भेजने की सुविधा नहीं दे रही है. जिन ग्राहकों को एसएमएस सुविधा चाहिए, उन्हें अनलिमिटेड कॉल वाला पैक कराना होगा. अनलिमिटेड पैक का न्यूनतम रिचार्ज 28 दिनों की वैधता वाला 149 रुपये का है. यहां यह ध्यान देने की जरूरत है कि वोडाफोन आइडिया के 50 फीसदी सब्सक्राइबर्स अभी भी 2जी सर्विसेज का इस्तेमाल करते हैं जो कम कीमत वाला रिचार्ज पैक कराते हैं.
फ्लोर प्राइसिंग के लिए बैटिंग कर रही कंपनी
पोस्टपेड टैरिफ को वोडाफोन पहले ही संशोधित कर चुकी है. एनालिस्ट्स का मानना है कि रेवेन्यू बढ़ाने के लिए इसे और बढ़ाने की जरूरत है ताकि टेलीकॉम कंपनियां खुद को मार्केट में बना सकें. वोडाफोन आइडिया के सीईओ रविंदर टक्कर के मुताबिक टैरिफ में बदलाव सही दिशा में बढ़ाया गया कदम है और इससे प्रति यूजर औसतन रेवेन्यू (ARPU) में सुधार होगा लेकिन ये बदलाव इंडस्ट्री की दिक्कतों के समाधान के लिए काफी नहीं हैं. टक्कर ने कहा कि कंपनी लगातार नियामक से फ्लोर प्राइसिंग के लेकर बातचीत कर रही है. हालांकि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का मानना है कि फ्लोर प्राइसिंग मैकेनिज्म एंटी-कंज्यूमर है. बता दें कि वोडाफोन आइडिया इस समय गहरे वित्तीय संकट से जूझ रही है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बकाए एजीआर (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) को दोबारा आकलन की खारिज किए जाने के बाद उसकी समस्याएं और बढ़ गईं. इसके अलावा कंपनी ने पिछले साल सितंबर 2020 में 25 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया था जिस पर अभी कोई प्रगति नहीं दिख रही है.
(Article: Kiran Rathee)