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टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की नई गाइडलइन लागू की गई है, जो SMS स्क्रबिंग की प्रक्रिया को लेकर है.
What is SMS Scrubbing: बैंकों और ई-कॉमर्स कंपनियों की सेवाओं में SMS स्क्रबिंग की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. यूजर्स को खासकर OTP मिलने में देरी हो रही है. इसके चलते न सिर्फ डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शंस में दिक्कत आ रही है, बल्कि Co-WIN App पर रजिस्ट्रेशन के लिए भी लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. इसकी वजह है कि टेलिकॉम सर्विस प्रावाइडर्स ने एसएमएस रेगुलेशन के दूसरे फेज को लागू करना शुरू कर दिया है. टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की नई गाइडलइन लागू की गई है, जो SMS स्क्रबिंग की प्रक्रिया को लेकर है.
SMS स्क्रबिंग क्या है ?
हर एसएमएस कंटेंट को भेजने से पहले उसकी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को स्क्रबिंग कहते हैं. इसके लागू होने के बाद टेलिकॉम ऑपरेटर्स ने बिना वेरिफिकेशन वाले एसएमएस मैसेज को ब्लॉक कर दिया था. हालांकि, इसके लागू होने के बाद कई पेमेंट सर्विस के लिए ओटीपी भेजने की प्रक्रिया में रूकावट आ गई. बैंकों को ग्राहकों से ढ़ेरों शिकायतें मिलने लगी कि उन्हें पैसे ट्रांसफर करने के लिए ओटीपी नहीं मिला. इससे देश भर के ग्राहकों पर असर हुआ.
ट्राई ने क्यों लागू किया नया नियम ?
ट्राई के मुताबिक, टेलिमार्केटिंग कंपनियां आजकल सब्सक्राइबर की बताई गई प्राथमिकता का पालन नहीं करती हैं. वे उनकी सहमति होने का दावा करती हैं, जिसे छल से लिया जा सकता है. रेगुलेटर ने कहा था कि नए रेगुलेशन सब्सक्राइबर को उनकी सहमति पर पूरा नियंत्रण देते हैं और इसे वापस लेने की भी सुविधा देते हैं. इससे मौजूदा नियमों का गलत इस्तेमाल रूकेगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, टेलिकॉम कंपनियों ने कहा है कि टेलिमार्केटिंग कंपनियों और कारोबारों को ट्राई द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन करना होगा. उनके मुताबिक, हर एसएमएस के कंटेंट को वेरिफाई करने के लिए ब्लॉकचैन प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है और गैर-पंजीकृत मैसेज को ब्लॉक करते हैं.