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The Status feature on WhatsApp for Jio Phone is currently at “Gold Master” stage.
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व्हाट्सऐप पे (WhatsApp Pay) फीचर भारत में दो साल से बीटा वर्जन पर चल रहा है, यह पेमेंट पोर्टल अभी भारत में कुछ मुश्किलों की वजह से आधिकारिक तौर पर लॉन्च नहीं किया गया है. हालांकि, अब मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पेमेंट प्लेटफॉर्म आधिकारिक तौर पर मई के आखिर तक लॉन्च किया जाएगा. रिपोर्ट में दो बैंक अधिकारियों का हवाला दिया गया है जिन्होंने कहा है कि व्हाट्सऐप पे फीचर को HDFC बैंक, ICICI बैंक और एक्सिस बैंक सपोर्ट करोगा.
भारत का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) इस माध्यम को पहले चरण में सपोर्ट नहीं करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, सभी चार बैंक इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के साथ एकीकरण की प्रक्रिया में हैं, जबकि उसने फीचर की बीटा टेस्टिंग को ICICI बैंक के सपोर्ट के साथ शुरू कर दिया है.
फीचर से डिजिटल भुगतान को मिलेगा बढ़ावा
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि व्हाट्सऐप के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी इस फीचर पर काम कर रही है जिसमें यूजर्स इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए भुगतान कर सकेंगे और यह सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध हो सके. प्रवक्ता ने कहा कि व्हाट्सऐप के जरिए भुगतान से डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा मिलेगा जो वर्तमान की महामारी के समय में खास तौर पर जरूरी है जिससे 400 मिलियन यूजर्स को कॉन्टैक्ट लेस भुगतान करने में मदद मिल सकती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने शुरुआती तौर पर पेमेंट पोर्टल की टेस्टिंग की शुरुआत फरवरी 2018 में की थी जिसके बाद वह इस फीचर को आधिकारिक तौर पर शुरू नहीं कर पाया. यह कानूनी और रेगुलेशन की परेशानियों की वजह से था. एक बैंक अधिकारी ने कहा कि कंपनी अब अप्रैल 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा तय की गईं डेटा लोकलाइजेशन की गाइडलाइंस का पालन करने के लिए काम कर रही है, जो देरी की सबसे बड़ी वजहों में से एक है.
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चरणबद्ध तरीके में लॉन्च होगा
भुगतान का यह प्रोडक्ट यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर आधारित डिजिटल भुगतान की पेशकश करेगा, लेकिन इसे चरणबद्ध तरीके से लॉन्च किया जाएगा. इसकी वजह यह है कि व्हाट्सऐप के बड़े यूजर बेस से ट्रांजैक्शन की मात्रा में बड़ा उछाल आने की उम्मीद है जिसके लिए बैंक तैयार नहीं होंगे. इसलिए फीचर को चरणबद्ध तरीके से लॉन्च करने पर बैंकों को उचित रूप से तैयार होने और सिस्टम को सपोर्ट करने में मदद मिलेगी.