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Image: Reutersवॉट्सऐप पेमेंट्स सर्विसेज (WhatsApp Pay) के भारत में लॉन्च होने का लंबे वक्त से इंतजार किया जा रहा है. अब फेसबुक इंक ने इस ​लॉन्चिंग की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. कंपनी ने संबंधित डाटा प्रैक्टिसेज के ऑडिट को खत्म कर ​लिया है. यह जानकारी सूत्रों से मिली है.
वॉट्सऐप पेमेंट्स भारत में 2018 की शुरुआत से बीटा मोड में है और लाखों बीटा यूजर इसे इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन अभी इसका भारत के सभी वॉट्सऐप यूजर्स तक पहुंचना बाकी है. इसकी लॉन्चिंग में सरकार के प्रावधानों के चलते देरी हो रही है. वॉट्सऐप को एक थर्ड पार्टी ऑडिटर को यह साबित करना है कि पेमेंट सर्विस में शामिल सभी डाटा केवल भारत के अंदर मौजूद सर्वर्स पर ही स्टोर किया जाएगा. एक सूत्र ने बताया कि वॉट्सऐप अपनी रिपोर्ट भारत के बैंकिंग रेगुलेटर आरबीआई को सौंपने जा रही है.
पहले से मौजूद हैं कई कॉम्पिटीटर
पेमेंट सिस्टम लाकर वॉट्सऐप एक ऐसे क्राउडेड व कॉम्पिटीटिव फील्ड की ओर बढ़ रही है, जहां लोकल स्टार्टअप्स और ग्लोबल कंपनियां पहले से मौजूद हैं. अमेजन पे और पेटीएम देश की सबसे ज्यादा पॉपुलर डिजिटल पेमेंट्स सर्विस हैं. ये पहले ही आरबीआई के डाटा लोकलाइजेशन निर्देशों को पूरा कर चुके हैं.
इन्वेस्टमेंट बैंक क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के डिजिटल पेमेंट मार्केट के 5 गुना बढ़ोत्तरी के साथ 2023 तक 1 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है. फॉरेस्टर रिसर्च में डिजिटल पेमेंट्स ट्रैक करने वाले एनालिस्ट अरनव गुप्ता के मुताबिक, वॉट्सऐप के भारत में 30 करोड़ से ज्यादा यूजर होने का अनुमान है. ऐसे में यह कॉम्पिटीटर्स से ज्यादा मार्केट शेयर हासिल कर सकती है.
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WhatsApp ने नहीं की है आधिकारिक तौर पर पुष्टि
ऑडिट पूरा होने या न होने पर वॉट्सऐप ने कमेंट करने से इनकार कर दिया है. कंपनी के प्रवक्ता कार्ल वूग ने एक ईमेल में कहा कि वॉट्सऐप भारत में सभी यूजर्स को यूपीआई स्टैंडर्ड पर बेस्ड पेमेंट सिस्टम उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है. हम और ज्यादा डिजिटल इंडिया को सपोर्ट करने के लक्ष्य की दिशा में अपने लोकल पार्टनर के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे.
फेसबुक 'लिब्रा' की भारत में राह मुश्किल
फेसबुक ने हाल ही में अपनी क्रिप्टोकरंसी लिब्रा (Libra) लाने की भी घोषणा की है. हालांकि इसकी भारत में राह मुश्किल है क्योंकि भारत में ​क्रिप्टोकरंसी या वर्चुअल करंसी में परिचालन कानूनी रूप से वैध नहीं है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि लिब्रा के आने से लोग पूरी दुनिया में आसानी से पैसे भेज सकेंगे, जिनमें वॉट्सऐप पेमेट सर्विस के जरिए मनी ट्रांसफर भी शामिल है.
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