scorecardresearch

WhatsApp ने हटाई 15 मई की डेडलाइन, प्राइवेसी पॉलिसी मानना अब जरूरी नहीं, डिलीट नहीं होगा किसी का अकाउंट

Whatsapp ने पहले सभी यूजर्स को अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई तक हर हाल में स्वीकार करने को कहा था, ऐसा नहीं करने पर अकाउंट बंद होने की आशंका थी.

Whatsapp ने पहले सभी यूजर्स को अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई तक हर हाल में स्वीकार करने को कहा था, ऐसा नहीं करने पर अकाउंट बंद होने की आशंका थी.

author-image
PTI
New Update
WhatsApp ने हटाई 15 मई की डेडलाइन, प्राइवेसी पॉलिसी मानना अब जरूरी नहीं, डिलीट नहीं होगा किसी का अकाउंट

WhatsApp का इस्तेमाल जारी रखने के लिए अब 15 मई तक उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करना जरूरी नहीं होगा.

WhatsApp Deadline Scrapped: दिग्गज मैसेजिंग ऐप WhatsApp ने अपनी विवादित प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर आज 7 अप्रैल को अहम एलान किया है. सभी यूजर्स को व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को 15 मई तक स्वीकार करनी थी. अगर वे ऐसा न करते तो उनका अकाउंट बंद हो जाता. लेकिन आज व्हॉट्सऐप के एक प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि अगर कोई यूजर 15 मई तक इस पॉलिसी को नहीं स्वीकार करता तो भी उसका अकाउंट डिलीट नहीं किया जाएगा. व्हाट्सऐप का सबसे बड़ा यूज़र बेस भारत में ही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में उसके करीब 53 करोड़ यूज़र हैं.

व्हाट्सऐप की फंक्शनैलिटी पर भी असर नहीं पड़ेगा

कंपनी के प्रवक्ता ने पीटीआई को भेजे ईमेल में लिखा है, "15 मई को किसी भी यूज़र का अकाउंट इस वजह से डिलीट नहीं किया जाएगा कि उसने प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार नहीं की है. न ही भारत में किसी भी यूज़र के व्हाट्सऐप की फंक्शनैलिटी पर इसका कोई असर पड़ेगा. हम अगले कई हफ्तों तक रिमाइंडर भेजकर फॉलोअप करेंगे." हालांकि इसके साथ ही प्रवक्ता ने यह दावा भी किया है कि ज्यादातर यूजर्स ने नए टर्म्स ऑफ सर्विस यानी शर्तों को स्वीकार कर लिया, जबकि कुछ लोगों ने अब तक ऐसा नहीं किया है. बहरहाल, कंपनी ने यह साफ नहीं किया है कि नई शर्तों को स्वीकार करने वाले यूजर्स कितने हैं. व्हाट्सऐप ने यह भी नहीं बताया है कि उसने 15 मई की डेडलाइन लागू नहीं करने का फैसला क्यों किया है.

पहले 8 फरवरी से बढ़ाकर 15 मई की थी डेडलाइन

Advertisment

व्हाट्सऐप ने इससे पहले अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के बारे में जानकारी देते हुए यूजर्स को उसे स्वीकार करने के लिए 8 फरवरी तक का वक्त दिया था. उस वक्त भी कहा गया था कि व्हाट्सऐप को इस्तेमाल करने के लिए नई पॉलिसी को मंजूर करना जरूरी होगा. लेकिन उस वक्त इसका काफी विरोध हुआ. ज्यादातर लोगों को आशंका थी कि उनका डेटा व्हाट्सऐप की पैरेंट कंपनी फेसबुक के साथ शेयर किया जाएगा और फिर उसका व्यावसायिक इस्तेमाल होगा. भारी विरोध की वजह से ही कंपनी ने नई पॉलिसी स्वीकार करने की डेडलाइन फरवरी से आगे बढ़ाकर मई में कर दी थी.

कंपनी का दावा है कि उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने का यह मतलब नहीं है कि उसे यूजर्स के डेटा को फेसबुक के साथ शेयर करने की ज्यादा छूट मिल जाएगी. उसका दावा है कि नए अपडेट से किसी के भी पर्सनल मैसेज की प्राइवेसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कंपनी का अब भी यही कहना है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान उसने यूजर्स की आशंकाओं और गलतफहमियों को दूर करने के लिए लगातार काम किया है. व्हाट्सऐप के मुताबिक वह लोगों की निजी जानकारियों और पर्सनल मैसेज को सुरक्षित रखने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

Whatsapp Facebook