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ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर भाविश अग्रवाल. (Image: FE File)
Ola Electric to layoff over 1,000 employees to reduce losses: ओला इलेक्ट्रिक भारी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनी के सेल्स, मार्केटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन समेत तमाम डिपार्टमेंट में काम कर रहे करीब 1000 कर्मचारी इस छंटनी से प्रभावित होंगे. हालांकि, ओला इलेक्ट्रिक की ओर से इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. कंपनी इंटरनल लेवल पर कई बदलाव कर रही है.
ओला इलेक्ट्रिक में कर्मचारियों की छंटनी को लेकर सबसे पहले ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक ओला इलेक्ट्रिक 1,000 से अधिक कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को नौकरी से निकालने की तैयारी कर रही है. हालांकि छंटनी का शिकार होने वाली कर्मचारियों की संख्या को लेकर कंपनी ने अभी तक पुष्टि नहीं की है, लेकिन इंटरनल लेवल पर कई बदलाव कर रही है.
बताया जा रहा है कि कंपनी ने लागत घटाने और ग्राहकों को बेहतर सर्विस मिल सके उसके लिए अपने फ्रंट-एंड ऑपरेशन को रिस्ट्रक्चर किया है. इसके अलावा प्रोडक्शन बढ़ावे के लिए गैरजरूरी रोल को खत्म किया है.
पिछले साल कंपनी ने की थी 500 कर्मचारियों की छंटनी
पिछले साल नवंबर के महीने में करीब 500 कर्मचारी को कंपनी ने निकाला था. उसके बाद अब कंपनी अपने विभिन्न विभाग के कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी कर रही है. कंपनी में हालिया पुनर्गठन कई टॉप पदों से इस्तीफों के बीच आया है. दिसंबर 2024 में, चीफ मार्केटिंग ऑफिसर अंशुल खंडेलवाल और चीफ टेक्निकल ऑफिसर सुवोनिल चटर्जी ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था.
हाल के सालों में ओला इलेक्ट्रिक कई पुनर्गठन फेज से गुज़रा है. सितंबर 2022 में, अपने आईपीओ से पहले, कंपनी ने कई नई नियुक्तियां करते हुए ऑपरेशन को सुव्यवस्थित किया था. हालांकि, हाल ही में छंटनी एक रणनीतिक बदलाव का संकेत देती है क्योंकि कंपनी प्रतिस्पर्धी EV मार्केट में चुनौतियों का सामना कर रही है. इन नौकरियों में कटौती का उद्देश्य सुधार करना हो सकता है.
कैसा है कंपनी का फाइनेंशियल रिकॉर्ड
ओला इलेक्ट्रिक ने पिछले महीने 7 फरवरी को अपने दिसंबर तिमाही के नतीजे घोषित किए, जिसमें पिछले साल इसी तिमाही की तुलना में उसका घाटा बढ़ गया. इस तिमाही में कंपनी का नेट लॉस 564 करोड़ रुपये रहा , जो पिछले साल की समान तिमाही के 376 करोड़ रुपये के घाटे से कहीं अधिक है. दिसंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू पिछले साल की तुलना में 19.4 फीसदी घटकर 1,045 करोड़ रुपये रह गया.