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Missing Expectation from Budget: बजट से नहीं पूरी हुई ये उम्मीदें, कृषि सेक्टर की इन स्कीम्स को मिले कम पैसे तो गोल्ड की चमक रही फीकी

Missing Expectation from Budget: वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-23 का 39.44 लाख करोड़ रुपये के बजट में कई अहम एलान किए लेकिन कई अहम उम्मीदें नहीं पूरी हो सकीं. इसके अलावा कृषि सेक्टर के लिए कई आवंटन भी कम हुए हैं.

Missing Expectation from Budget: वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-23 का 39.44 लाख करोड़ रुपये के बजट में कई अहम एलान किए लेकिन कई अहम उम्मीदें नहीं पूरी हो सकीं. इसके अलावा कृषि सेक्टर के लिए कई आवंटन भी कम हुए हैं.

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Jeevan Deep Vishawakarma
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह बजट मध्यम वर्ग के लोगों की उम्मीदों के अनुरुप नहीं रहा और यह खपत बढ़ाने की तात्कालिक जरूरत को नहीं पूरा करता है.

Missing Expectation from Budget: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कल (1 फरवरी) को अगले वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने 39.44 लाख करोड़ रुपये के बजट में कई अहम एलान किए लेकिन इस बजट को लेकर कई उम्मीदें नहीं पूरी हो सकीं. जैसे कि आम लोगों को उम्मीद थीं कि कोरोना महामारी के चलते बुरी तरह प्रभावित लोगों के लिए बजट में रियायतों का एलान होगा. इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम कर रहे कर्मियों को भी बदली परिस्थितियों में बढ़े खर्च को लेकर डिडक्शन का फायदा मिलेगा. ऐसी ही कई उम्मीदें लगभग सभी सेक्टर्स से थीं जो पूरी नहीं हो सकीं. बॉयोकॉम की प्रमुख और एमडी किरण मजूमदार शॉ के मुताबिक इस बजट में सरकार मिडिल क्लास और इनफॉर्मल सेक्टर के लिए और भी बेहतर कर सकती थी.

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गोल्ड पर नहीं कम हुई ड्यूटी

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केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक इस बजट से उम्मीद थी कि सरकार गोल्ड पर ड्यूटी कम करेगी और बूलियन इंडस्ट्री के लिए कस्टम ड्यूटी को रेशनलाइज (तर्कसंगत) बनाएगी. पिछले बजट में वित्त मंत्री ने गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी को 12.5 फीसदी से कम कर 7.5 फीसदी किया था और इस बार भी उम्मीद थी कि इसे कम किया जाएगा. वर्ष 2004 में गोल्ड पर 2 फीसदी की ड्यूटी थी जिसे 2013 में बढ़ाकर 10 फीसदी और फिर 2019 में 12.5 फीसदी किया गया था. वर्ष 2019 के बजट के पहले जीआईसी (जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल) ने सोने पर आयात शुल्क में 4% तक कमी की माँग की थी, जो पिछले बजट में तय किए गए 7.5% से बहुत कम है. केडिया के मुताबिक कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को भी लंबे समय से हटाने या कम करने की मांग हो रही है और इस बार के बजट से इसकी उम्मीद थी.

Budget 2022 Expectations: बजट से सोने-चांदी की इंडस्ट्री की ये थी उम्मीदें

खेती-किसानी को लेकर चूकी सरकार

  • केडिया के मुताबिक यह बजट तात्कालिक रूप से खपत को बढ़ाने में नाकाम रही है जिसकी मौजूदा महामारी के चलते सुस्त हुई इकॉनमी को जरूरत थी. ग्रामीण बाजारों में वैश्विक महंगाई जैसे बाहरी कारणों के चलते सुस्ती है जिसे लेकर बजट में कुछ नहीं किया गया है.
  • किसान उत्पादक संगठनों (FPOs- फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशंस) के लिए आवंटन बढ़ाने की बजाय सरकार ने इसे 700 करोड़ रुपये से घटाकर इस बार 500 करोड़ रुपये कर दिया.
  • परंपरागत कृषि विकास योजना (ऑर्गेनिक फार्मिंग) के लिए भी आवंटित राशि घटकर महज 100 करोड़ रुपये रह गई है जबकि चालू वित्त वर्ष के लिए इसमें 450 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे.

Budget 2022 Expectations: बजट से कृषि सेक्टर की ये थी उम्मीदें

  • बजट में फूड सब्सिडी एलोकेशन पर भी 28 फीसदी कम प्रोविजन किया गया है. अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में इसके लिए 2.06 लाख करोड़ रखे गए हैं जबकि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में इसके लिए 2.86 लाख करोड़ रुपये (संसोधित) का प्रावधान किया गया है.
  • खाद सब्सिडी को लेकर भी प्रोविजन 1.4 लाख करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2021-22 संसोधित) से घटाकर 1.05 लाख करोड़ रुपये किया गया.

बजट से ये थी लोगों की उम्मीदें

  • कोविड पर खर्च को लेकर राहत की थी उम्मीद: कोरोना महामारी के साये में पेश हुए बजट से उम्मीदें लगाई जा रही थी कि वित्त मंत्री कोरोना मरीजों व उनके परिवार के लिए कुछ घोषणाएं कर सकती हैं.

Budget 2022 Expectations: कोविड मरीजों व उनके परिवार को आगामी बजट से ये थी उम्मीदें

  • रीयल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री के दर्जा का बढ़ा इंतजार: Colliers India के प्रमुख व सीनियर डायरेक्टर (रिसर्च) विमल नाडर के मुताबिक रीयल एस्टेट सेक्टर को लंबे समय से इंडस्ट्री का दर्जा दिए जाने की मांग रही है और आंशिक रूप से ही इसे पूरा किया गया है. अभी सिर्फ अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस दिया गया है. इंफ्रास्ट्रक्टर स्टेटस के जरिए कम खर्च पर कर्ज मिलना और आसानी से कर्ज मिलने पर इस सेक्टर को फायदा मिलेगा. इससे निवेश और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा. इस बजट से उम्मीद थी कि कोरोना महामारी के झटकों से उबरने की कोशिश कर रही रीयल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा मिलेगा तो इसकी रिकवरी में तेजी आएगी लेकिन इसका इंतजार आगे खिसक गया है.

Budget 2022 Expectations: रीयल एस्टेट सेक्टर के लिए एक्सपर्ट ने दिए थे अहम सुझाव

  • 'वर्क फ्रॉम होम' में बढ़े खर्च पर नहीं मिला डिडक्शन बेनेफिट: कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से कई लोगों को घर से काम करना पड़ रहा है. इसके चलते उन्हें ऑफिस सेट-अप करने, इलेक्ट्रिसिटी, इंटरनेट इत्यादि पर खर्च बढ़ा है. ऐसे में अपने प्री-बजट मेमोरेंडम में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटैंट्स ऑफ इंडिया ने सरकार को 'वर्क फ्रॉम होम' को लेकर एग्जेंप्शन बेनफिट दिए जाने का सुझाव दिया था.

Budget 2022 Expectations: घर से काम कर रहे कर्मियों को बजट से ये थीं उम्मीदें

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