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Adani Group Stocks: गौतम अडानी ग्रुप शेयरों में आज बिकवाली है और सभी 10 स्टॉक टूट गए हैं. (file photo)
Adani Group Stocks Crash: अडानी ग्रुप की बंदरगाह कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन से लेखा परीक्षक के तौर पर डेलॉयट के इस्तीफा देने के बाद आज ग्रुप शेयरों में गिरावट आई. डेलॉयट ने इस्तीफा देने से पहले हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की बाहर से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की थी. अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन ने शेयर बाजार को भेजे 163 पृष्ठ की रिपोर्ट में डेलॉयट हास्किंस एंड सेल्स एलएलपी का इस्तीफा भेजा था. एपीएसईजेड के अनुसार, डेलॉयट के अधिकारियों ने बैठक में अडानी ग्रुप की अन्य लिस्टेड कंपनियों के लेखा परीक्षक (ऑडिटर) के रूप में व्यापक ऑडिट भूमिका की कमी पर चिंता व्यक्त की थी. फिलहाल आज अडानी ग्रुप के सभी 10 स्टॉक टूट गए हैं.
किस शेयर में कितनी रही गिरावट
बीएसई पर Adani Enterprises के शेयरों में 5 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई और यह 2400 रुपये तक नीचे आ गया. अडानी ट्रांसमिशन में 4.77 फीसदी ी गिरावट आई और यह 790 रुपये तक नीचे आया.
Adani Power में 4.23 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली और इंट्राडे में स्टॉक 276 रुपये तक कमजोर हुआ, जबकि Adani Ports में 3.70 फीसदी की गिरावट आई और स्टॉक 771 रुपये पर आ गया.
Adani Green Energy के शेयर में 3 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई और यह 940 रुपये पर आ गया. Adani Wilmar करीब 3 फीसदी टूटकर 371 रुपये पर आ गया. जबकि Adani Total Gas भी 3 फीसदी टूटकर 629 रुपये पर आ गया. वहीं एनडीटीवी में 3 फीसदी, एसीसी में 2.23 फीसदी और अंबुजा सीमेंट में 4 फीसदी तक गिरावट रही है.
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डेलॉयट ने क्या मांग की थी
बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी में अडानी पर शेयरों की कीमतों में हेराफेरी करने और खातों में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. साथ ही अमेरिकी कंपनी ने फर्जी कंपनियों के जरिए धन के गलत तरीके से लेनदेन का भी आरोप लगाया था. डेलॉयट ने हाल ही में रिपोर्ट में उल्लेखित कुछ लेन-देन पर चिंता व्यक्ति की थी. अडानी ग्रुप की एक कंपनी से ऑडिटर के तौर पर इस्तीफा देने से पहले डेलॉयट ने अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की बाहर से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की थी. डेलॉयट 2017 से एपीएसईजेड की ऑडिटर थी. जुलाई 2022 में इसे 5 और साल का कार्यकाल दिया गया था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अडानी ग्रुप ने हालांकि कहा कि हिंडनबर्ग के आरोपों का कंपनी की वित्तीय लेखा-जोखा पर कोई असर नहीं पड़ा था. इसलिए डेलॉयट के छोड़कर जाने के लिए बताया गया कारण संतोषजनक नहीं था.
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ऑडिटर बदलने से निगेटिव सेंटीमेंट
अडानी पोर्ट्स के बोर्ड द्वारा कंपनी के ऑडिटर के रूप में डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी के इस्तीफे को स्वीकार करने और उसकी जगह एमएसकेए एंड एसोसिएट्स चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को नियुक्त करने के बाद अडानी ग्रुप शेयरों पर दबाव देखने को मिला है. बता दें कि डेलॉयट केवल एक अडानी-ग्रुप कंपनी, अडानी पोर्ट्स के साथ जुड़ा हुआ था. ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए के अनुसार डानी ग्रुप द्वारा ऑडिटर बार-बार बदलने से शेयरों पर दबाव बढ़ रहा है. यह एक तरह से निगेटिव फैक्टर है. हालांकि कंपनी ने डेलॉइट की जगह एक प्रतिष्ठित ऑडिटर को नियुक्त किया है, जिससे गिरावट ज्यादा नहीं रही.