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Coal India Share: कोल इंडिया के ओएफएस की खबर के बाद से शेयर में गिरावट देखने को मिल रही है.
Should You Part in Coal India OFS: Coal India का OFS आज यानी 2 जून 2023 को रिटेल निवेशकों के लिए खुल गया है. आज रिटेल निवेशक इसे सब्सक्राइब कर सकते हैं. OFS के जरिए सरकार कोल माइनिंग कंपनी कोल इंडिया में अपनी 3 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. इसके लिए फ्लोर प्राइस 225 रुपये रखा गया है, जिसपर निवेशक शेयर के लिए आवेदन कर सकते हैं. सवाल उठता है कि इस भाव पर शेयर खरीदना चाहिए या नहीं. क्या आगे कंपनी के शेयरों में इस लेवल से अच्छी तेजी आएगी. एक्सपर्ट का कहना है कि Coal India के OFS को रिटेल निवेशकों को सब्सक्राइब करना चाहिए. शेयर भाव में कोई भी गिरावट खरीदारी का अच्छा मौका है. उनका कहना है कि ऐसे कई फैक्टर कंपनी के फेवर में हैं जो आगे मजबूत ग्रोथ की वजह बन सकते हें. बिजली की डिमांड, कोल प्रोडक्शन में बढ़ोतरी, कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी से कंपनी को फायदा मिलेगा.
निवेशकों को सब्सक्राइब करने की सलाह
Swastika Investmart के रिसर्च हेड, संतोष मीना का कहना है कि Coal India का आउटलुक FY24 के लिए बुलिश दिख रहा है. मुख्य रूप से भारत में बिजली की मजबूत डिमांड के चलते कंपन को फायदा होगा. कोल इंडिया को मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रा सेक्टर में ग्रोथ और ग्रामीण इलाकों में इलेक्ट्रिफिकेशन की पहच के चलते पहले से ही सपोर्ट मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कंपनी के ऑफर फॉर सेल (OFS) की खबरों के चलते योयर में कोई भी गिरावट आए तो इसे खरीदारी के मौके के रूप में लेना चहिए. संतोष मीना ने निवेशकों को इस OFS में भाग लेने की सलाह दी है. उनका कहना है कि गिरावट का जोखिम 225 के लेवल के आसपास ही सीमित है. ऊपर की ओर, 275 का एक संभावित टारगेट लेवल दिख रहा है. उनका कहना है कि आगे Coal India के प्रदर्शन मजबूत रहने का अनुमान है, जिसके चलते निवेशकों को इस ऑफर का लाभ मुनाफा कमाने के लिए उठाना चाहिए.
Research Stoxbox के प्रमुख मनीष चौधरी का कहना है कि रिटेल निवेशकों को Coal India के OFS को सब्सक्राइब करना चाहिए. मिड से लॉन्ग टर्म के लिए कंपनी का आउटलुक बेहतर नजर आ रहा है. वित्त वर्ष 23 में कंपनी के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ, हमारा मानना है कि कंपनी का भविष्य मजबूत दिख रहा है. प्रोडक्शन में बढ़ोतरी, बिजली की मजबूत डिमांड आउटलुक, कंपनी द्वारा कोयले की कीमतों में हाल ही में 8% की बढ़ोतरी और हिस्टोरिकल एवरेज के लिए वैल्युएशन में भारी छूट के साथ, कंपनी के पास अपने बेहतर बिजनेस और फाइनेंशियल परफॉर्मेंस को जारी रखने के लिए क्षमता है.
क्या है OFS में प्रस्ताव
कोल इंडिया ने कहा कि प्रस्ताव के तहत कंपनी के 9.24 करोड़ शेयर यानी 1.5 फीसदी हिस्सेदारी को बेची जाएगी. इसके अलावा, अतिरिक्त बोली आने पर, इतनी ही बिक्री और करने का विकल्प (green shoe option) रखा गया है. 1 जून को यह नॉन रिटेल निवेशकों के लिए बिक्री पेशकश के लिए खुला था. जबकि आज यानी 2 जून को यह रिटेल निवेशकों के लिए खुला है. कोल इंडिया में ओएफएस के लिए फ्लोर प्राइस 225 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. जबकि शेयर 230 रुपये के आस पास है. 2 दिन की गिरावट के बाद भी बाजार भाव से सस्ते में शेयर खरीदने का मौका है.
सरकार को कितना मिलेगा फंड
सरकार अगर कोल इंडिया में 3 फीसदी हिस्सेदारी बेचती है तो इससे 4000 करोड़ रुपये फंड जुटा लेगी. विक्रेता ने 10 रुपये अंकित मूल्य के 9,24,40,924 इक्विटी शेयर बेचने का प्रस्ताव दिया है. यह कुल चुकता शेयर पूंजी का 1.5 प्रतिशत है. इसके अलावा, ज्यादा बोली आने पर इतने ही संख्या में और शेयर यानी 1.5 फीसदी और हिस्सेदारी बेचने का विकल्प रखा गया है. सरकार ने इस फाइनेंशियल ईयर में विनिवेश के जरिए करीब 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का टारगेट रखा है.
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) नवंबर 1975 में अस्तित्व में आई थी. CIL भारत के 8 राज्यों में फैले 84 माइनिंग एरिया में अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से काम करती है. 1 अप्रैल, 2020 तक के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी के पास 352 खदानें हैं, जिनमें से 158 भूमिगत, 174 खुली और 20 मिश्रित खदानें हैं. CIL की 7 उत्पादक सहायक कंपनियां हैं.