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Jefferies top defence picks: HAL, Data Patterns और BEL के शेयरों में 32% तक की बढ़त देखी जा सकती है. Photograph: (Image: Canva)
Top 3 Defence Stocks:ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज (Jefferies) ने भारत के बढ़ते डिफेंस सेक्टर पर अपनी ताजा रिपोर्ट जारी की है और वह इस सेक्टर को लेकर बुलिश है, यानी उसे इसमें आगे मुनाफे की अच्छी संभावना दिख रही है. सरकारी खर्च (capex) में तेजी से बढ़ोतरी और भारत द्वारा रक्षा उत्पादों के निर्यात को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के चलते, जेफरीज ने तीन प्रमुख शेयरों की पहचान की है जो इस सकारात्मक रुझान से फायदा उठा सकते हैं.
अपनी रिपोर्ट में जेफरीज ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (Hindustan Aeronautics -HAL), डेटा पैटर्न (Data Patterns) और भारत इलेक्ट्रॉनिक (Bharat Electronics - BEL) को डिफेंस सेक्टर में अपनी टॉप निवेश पसंद बताया है. रिपोर्ट के मुताबिक HAL के लिए 6,475 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया गया है, जो 31.6% की संभावित बढ़त को दर्शाता है. वहीं, Data Patterns के लिए 3,400 रुपये (संभावित बढ़त: 13.9%) और BEL के लिए 420 रुपये (संभावित बढ़त: 3.1%) का लक्ष्य तय किया गया है.
Jefferies on India’s defence sector: डिफेंस बजट में भारी इजाफा
ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2025 में भारत का डिफेंस स्पेंडिंग सालाना आधार पर 25% बढ़ा, जिससे वित्त वर्ष 24-2025 के रिवाइज्ड ग्रोथ अनुमान को हासिल किया गया. वहीं, अप्रैल 2025 में चालू वित्त वर्ष की शुरुआत 122% की एनुअल ग्रोथ के साथ हुई, जबकि पूरे साल के लिए केवल 13% की ग्रोथ का अनुमान था.
FY30 तक 50,000 करोड़ डिफेंस एक्सपोर्ट का लक्ष्य
मई 2025 में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सरकार ने देश में विकसित ब्रह्मोस मिसाइल, आकाशतीर और सुखोई जैसे रक्षा सिस्टम की क्षमताओं को उजागर करने के प्रयासों को और तेज़ किया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत रक्षा निर्यात को FY25 के 23,600 करोड़ रुपये से FY30 तक 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य बना रहा है.
जेफरीज के अनुसार, "भारत इस बढ़ते अवसर का लाभ उठाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहा है." सरकार स्वदेशी हथियार प्रणाली को वैश्विक बाजारों में पेश कर रही है और कई मिड-साइज कंपनियां पहले से ही ऑर्डर प्राप्त कर रही हैं. इनमें Sunita Tools शामिल है, जिसे NATO देश को 1 मिलियन आर्टिलरी शेल सप्लाई करने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट मिला है, और NIBE को इज़राइल को रॉकेट लॉन्चर डिलीवर करने के लिए 1.5 अरब रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला है.
Jefferies on India’s defence sector: तेजी से बढ़ रही ग्लोबल डिफेंस खर्च
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वैश्विक रक्षा खर्च भी तेजी से बढ़ रहा है. NATO देश अब रक्षा और संबंधित क्षेत्रों में GDP का 5% खर्च करने का प्रस्ताव दे रहे हैं, जिसमें 3.5% कोर डिफेंस और 1.5% संबंधित खर्च शामिल है. 2024 में NATO ने रक्षा पर $1.5 ट्रिलियन खर्च किया था और GDP में केवल 1% की वृद्धि भी हर साल 530 बिलियन डॉलर एक्स्ट्रा खर्च जोड़ सकती है.
डिफेंस सेक्टर में आगे बनी रहेंगी सरकारी कंपनियां, प्राइवेट की भी बढ़ेगी हिस्सेदारी
जहां HAL और BEL जैसी सरकारी कंपनियां भारत के डिफेंस सेक्टर पर अभी भी हावी हैं, वहीं प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी भी बढ़ रही है. जेफरीज के मुताबिक, “लिस्टेड डिफेंस कंपनियों में FY22 में 9% की तुलना में FY25 में प्राइवेट कंपनियों की हिस्सेदारी 14% हो गई है.” रक्षा मंत्रालय ने अब प्राइवेट कंपनियों को एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट (Advanced Medium Combat Aircraft - AMCA) जैसे हाई-वैल्यू प्रोजेक्ट्स में भाग लेने की अनुमति दी है, जो पहले केवल HAL को ही मिलते थे. रिपोर्ट के मुताबिक डिफेंस सेक्टर में सराकारी कंपनियां (PSUs) आगे बनी रहेंगी, क्योंकि उनके पास रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) में मजबूत पकड़ है और उनकी आमदनी में दोहरे अंकों (10% से ज्यादा) की बढ़त की अच्छी संभावना बनी हुई है.