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Invest in Flexi Cap Funds: इक्टिी के किसी विकल्प में पैसा लगाने से डर लग रहा है तो फ्लेक्सीकैप फंड आपके पोर्टफोलियो को सेफ कर सकते हैं.
Why You Should Invest in Flexi-Cap Funds: उतार चढ़ाव वाले बाजार में अगर आपको इक्टिी के किसी विकल्प में पैसा लगाने से डर लग रहा है तो फ्लेक्सीकैप फंड आपके पोर्टफोलियो को सेफ कर सकते हैं. फ्लेक्सीकैप फंड में पैसा लगाने पर यह कनफ्यूजन बिल्कुल नहीं रहेगा कि अपना फंड लार्जकैप में लगाएं या मिडकैप में य स्मॉलकैप में. फ्लेक्सीकैप फंड के जरिए निवेशक अपना पोर्टफोलियो हर तरह के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों के शेयर में पैसा लगाकर बैलेंस कर सकते हैं. असल में म्यूचुअल फंड की ये कैटेगरी एक ओपन-एंडेड डायनेमिक इक्विटी स्कीम है, जो लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में निवेश करती हैं. यानी आपके पोर्टफोलियो का रिस्क कम हो जाता है, क्योंकि इस इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी से आपको पोर्टफोलियो अच्छे से डाइवर्सिफाइड हो जाता है.
फ्लेक्सी कैप फंड क्या है?
फ्लेक्सी कैप फंड एक तरह के इक्विटी म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनके पास निवेश करने के लिए फ्लेक्सिबिलिटी होती है. फ्लेक्सी कैप फंड अच्छी तरह से डाइवर्सिफाइड होते हैं, यही वजह है कि बाजार में उथल-पुथल के दौरान रिस्क को मैनेज करते हैं. कम रिस्क लेने वाले निवेशकों के बीच यह फंड कैटेगरी पॉपुलर हो रहा है. इस स्कीम में फंड मैनेजर अपने हिसाब से फंड का अलोकेशन अलग अलग मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों के स्टॉक में करता है. यानी आपके पोर्टफोलियो में लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप सभी तरह के स्टॉक शामिल हो जाते हैं. फंड मैनेजर को यह बंधन नहीं रहता है कि उसे किस मार्केट कैप कैटेगरी में कितना निवेश करना है. वे बाजार की स्थितियों के अनुसार लार्ज, मिड और स्मॉल कैप के बीच फंड को ट्रांसफर कर सकते हैं. मसलन अगर लार्जकैप में डर बना हो तो वहां से कुछ पैसा मिडकैप में या स्मॉलकैप में ट्रांसफर किया जा सकता है. वहीं इससे उटल कंडीशन में मिडकैप से लार्जकैप में फंड ट्रांसफर हो सकता है.
इन फंडों पर कैसे लगता है टैक्स
शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स: अगर निवेशक 1 साल के अंदर मल्टी-कैप फंड में यूनिट्स को रिडीम करता है, तो इससे होने वाली आय पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) देना होता है. निवेशकों को आय पर 15% टैक्स देना होता है.
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स: अगर निवेशक 1 साल के बाद यूनिट्स को भुनाते हैं, तो उनसे होने वाली आय पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) लगता है. अगर आय एक वित्त वर्ष के दौरान 1 लाख रुपये से कम है तो टैक्स लागू नहीं होता है, लेकिन 1 लाख से ज्यादा आय पर 10% टैक्स देना होता है.
10 साल में 8.5 गुना तक रिटर्न वाली स्कीम
Quant Flexi Cap: 24% सालाना
Nippon Ind Focused Eqt: 21% सालाना
JM Flexicap: 20% सालाना
Parag Parikh Flexi Cap: 20% सालाना
Franklin Ind Focused Eqt: 19.62% सालाना
SBI Focused Eqt: 18.75% सालाना
(source: value research)