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Investment Tips: अगर आप कम उम्र में सक्षम हैं तो निवेश बचत जितना जल्दी हो शुरू कर देना चाहिए. इसमें हर साल की देरी नुकसान कराएगी. (file image)
Start Investing in Early Age: बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जिनमें किसी काम को शुरू करने के पहले उसमें टाल मटोल की आदत होती है. काम को शुरू करना जरूरी है, लेकिन वे सोचते हैं कि चलो इसे 6 महीने बाद शुरू करेंगे या एक साल बाद करेंगे. अगर यही आदत फाइनेंशियल प्लानिंग में रही तो यह आपको भारी पड़ सकती है. आज अपनी जिंदगी के कई लक्ष्य पूरे करने से चक सकते हैं. इसी वजह से अगर आप कम उम्र सक्षम हैं तो निवेश बचत शुरू कर देना चाहिए. बहुत से लोग हैं, जिन्हें कम उम्र से अपने अधिकारों के बारे में पता होता है, लेकिन अर्निंग मेंबर होने के बाद भी वह जल्द से जल्द निवेश बचत को लेकर फैसला करने से चूक जाते हैं. इसका सबसे बड़ा नुकसान यही है कि आप अपने इन्वेस्टमेंट जर्नी में कंपाउंडिंग का उतना फायदा नहीं ले पाते, जितना मिल सकता था. यहां हम इसे उदाहरण से समझेंगे, जहां निवेश करने की उम्र 25 साल, 30 साल, 35 साल और 40 साल है.
केस 1- 25 साल की उम्र से निवेश
# यहां पहले शख्स ने 25 साल की उम्र से हर महीने 5 हजार रुपये की एसआईपी करने की प्लानिंग की. उसकी ये प्लानिंग रिटायरमेंट की अवधि यानी 60 साल पूरे होने तक है. यानी निवेश की अवधि 35 साल मिल गई. उसने निवेश पर अनुमानित रिटर्न 12 फीसदी सालाना माना.
मंथली SIP: 5000 रुपये
निवेश की अवधि: 35 साल
कुल निवेश: 21 लाख रुपये
35 साल बाद फंड: 3,24,76,345 रुपये (3.2 करोड़)
फायदा: 3,03,76,345 रुपये (करीब 3 करोड़)
केस-2: 30 साल की उम्र से निवेश
# यहां दूसरे शख्स ने 30 साल की उम्र से निवेश की प्लानिंग शुरू की. देरी से निवेश शुरू करने की वजह से उसने हर महीने एसआईपी की रकम पहले केस की तुलना में कुछ ज्यादा रखी. उसने 6 हजार रुपये की एसआईपी करने की प्लानिंग की. उसकी ये प्लानिंग रिटायरमेंट की अवधि यानी 60 साल पूरे होने तक है. यानी निवेश की अवधि 30 साल मिल गई. उसने भी निवेश पर अनुमानित रिटर्न 12 फीसदी सालाना ही माना.
मंथली SIP: 6000 रुपये
निवेश की अवधि: 30 साल
कुल निवेश: 21.60 लाख रुपये
30 साल बाद फंड: 2,11,79,483 रुपये (2.1 करोड़)
फायदा: 1,90,19,483 रुपये (1.90 करोड़)
केस-3: 35 साल की उम्र से निवेश
# यहां तीसरे शख्स ने 35 साल की उम्र से निवेश की प्लानिंग शुरू की. उसे कुछ और देरी से निवेश शुरू करने की वजह से उसने हर महीने एसआईपी की रकम दूसरे केस की तुलना में भी कुछ ज्यादा रखी. उसने 7 हजार रुपये की एसआईपी करने की प्लानिंग की. उसकी ये प्लानिंग रिटायरमेंट की अवधि यानी 60 साल पूरे होने तक है. यानी निवेश की अवधि 25 साल मिल गई. उसने भी निवेश पर अनुमानित रिटर्न 12 फीसदी सालाना ही माना.
मंथली SIP: 7000 रुपये
अवधि: 25 साल
कुल निवेश: 21 लाख रुपये
25 साल बाद फंड: 13283446 रुपये (1.32 करोड़)
फायदा: 1,11,83,446 रुपये (1.1 करोड़)
तीनों केस में रिजल्ट क्या मिला
यहां साफ है कि 25 साल में एसआईपी शुरू करने वाले शख्स को 21 लाख के निवेश पर 35 साल में करीब 3.2 करोड़ का फंड मिला. वहीं 30 साल की उम्र में निवेश शुरू करने वाले शख्स को करीब 21 लाख ही निवेश करने पर 30 साल में 21.1 करोड़ का फंड हासिल हुआ. जबकि तीसरे शख्य यानी जिसने 35 की उम्र में निवेश शुरू किया, उसे भी 21 लाख के ही निवेश पर 25 साल में 1.32 करोड़ का फंड मिला.