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शेयर्स के अलावा एफपीआई ने इस दौरान डेट मार्केट यानी बॉन्ड बाजार में 13,573 करोड़ रुपये डाले. (Image: FE File)
नीतिगत सुधार जारी रहने की उम्मीद, सतत आर्थिक वृद्धि और कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर रहने की वजह से विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई का भरोसा भारतीय शेयर बाजार पर बरकरार है. जुलाई में अबतक विदेशी निवेशकों ने 30,772 करोड़ रुपये के शेयर्स खरीद. शेयर्स के अलावा एफपीआई ने इस दौरान डेट मार्केट यानी बॉन्ड बाजार में 13,573 करोड़ रुपये डाले.
भारतीय बाजार पर विदेशी निवेशकों का बढ़ रहा भरोसा
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने इस महीने 19 जुलाई तक शेयर्स में 30,772 करोड़ रुपये डाले. इससे पहले जून में एफपीआई ने शेयरों में 26,565 करोड़ रुपये डाले थे. वहीं चुनाव को लेकर असमंजस की वजह से विदेशी निवेशकों ने मई में शेयर बाजार से 25,586 करोड़ रुपये की निकासी की थी. मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने की चिंता के कारण एफपीआई ने अप्रैल में शेयर्स से 8,700 करोड़ रुपये से अधिक निकाले थे. इससे पहले, एफपीआई ने मार्च में शेयरों में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, जबकि जनवरी में उन्होंने 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे. कुल मिलाकर भारतीय शेयर बाजार में इस साल विदेशी निवेशकों का कुल निवेश 33,995 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
बॉन्ड बाजार में अबतक डाले इतने करोड़
शेयर्स के अलावा एफपीआई ने इस महीने 19 जुलाई तक बॉन्ड बाजार में 13,573 करोड़ डाले. इससे पहले जून में विदेशी निवेशकों ने बॉन्ड बाजार में 14,955 करोड़ रुपये डाले थे. मई 2024 में एफपीआई ने 8,761 करोड़ रुपये डाले थे. इस साल अप्रैल में बांड बाजारों से एफपीआई ने 10,949 करोड़ रुपये की निकासी की थी. बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेशकों ने मार्च में 13,602 करोड़ रुपये, फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये और जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये का निवेश किया था. कुल मिलाकर 2024 में अबतक विदेशी निवेशक बॉन्ड बाजार में 82,197 करोड़ रुपये डाल चुके हैं.
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा बजट के सुधारोन्मुख रहने की उम्मीद से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर यदि डॉलर और बॉन्ड प्रतिफल में नरमी का हालिया रुख जारी रहता है, तो एफपीआई की भारतीय बाजार में लिवाली जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि घरेलू और विदेशी निवेशक 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर में संभावित बदलावों पर उत्सुकता से नजर रख रहे हैं.
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