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FPI Outflow: विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयरों से निकासी जारी, नवंबर में अबतक बेचे 20000 करोड़ के शेयर

FPI Outflow: विदेशी निवेशकों ने इस महीने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में करीब 20,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. घरेलू बाजारों में हाई वैल्यूएशन की वजह से एफपीआई चीन की ओर रुख कर रहे हैं.

FPI Outflow: विदेशी निवेशकों ने इस महीने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में करीब 20,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. घरेलू बाजारों में हाई वैल्यूएशन की वजह से एफपीआई चीन की ओर रुख कर रहे हैं.

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Mithilesh Kumar
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FPI Inflow

2024 में विदेशी निवेशकों का कुल निवेश 13,401 करोड़ रुपये रह गया है.  (Image: FE File)

FPIs withdraw nearly Rs 20,000 cr from equities in last 5 trading sessions: विदेशी निवेशकों (FPIs) का भारतीय शेयर बाजार से लगातार निकासी जारी है. इस महीने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में उन्होंने  भारतीय शेयरों से करीब 20,000 करोड़ रुपये निकाले. घरेलू बाजारों में हाई वैल्यूएशन की वजह से एफपीआई चीन की ओर रुख कर रहे हैं. भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशक सेलर बन गए हैं. वे अब ज्यादा बिकवाली कर रहे हैं और अपने पैसे को कहीं और लगाने की कोशिश कर रहे हैं. जिसके चलते 2024 में उनका भारतीय शेयर बाजार में कुल निवेश 13,401 करोड़ रुपये रह गया है. 

आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने इस महीने अब तक 19,994 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है. इससे पहले अक्टूबर में उन्होंने 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी. यह एफपीआई की अब तक की सबसे अधिक बिकवाली थी. सितंबर 2024 में विदेशी निवेशकों ने 57,724 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

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आगे कहा रहेगा विदेशी निवेशकों का रुख

आने वाले समय में एफपीआई की बिकवाली जारी रहने का अनुमान है.जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्टैटेजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर से निकासी का सिलसिला तब तक जारी रहने की संभावना है जब तक कि डेटा में बदलाव का संकेत नहीं मिलता. उनका मानना है कि अगर तीसरी तिमाही के नतीजे और प्रमुख संकेतक आय में सुधार का संकेत देते हैं, तो यह परिदृश्य बदल सकता है और एफपीआई बिकवाली कम कर सकते हैं.

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मोजोपीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया ने कहा कि अमेरिका में नव निर्वाचित राष्ट्रपति जनवरी 2025 में पदभार ग्रहण करेंगे. इसलिए भारतीय बाजार निकट अवधि में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों, कॉरपोरेट आय और खुदरा निवेशकों के रुख से प्रभावित होगा. एफपीआई के भारतीय इक्विटी से बाहर निकलने का एक प्रमुख कारण चीन के प्रति उनका नया आकर्षण है. उनका मानना है कि इस समय चीन का मूल्यांकन आकर्षक है. 

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के संयुक्त निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि चीन ने हाल ही में अपनी धीमी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए कई उपाय किए हैं.

Fpi