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FPI ने 2023 में अबतक शेयर बाजार में डाले 1.5 लाख करोड़, दिसंबर के पहले दो हफ्ते में खरीदे 43,000 करोड़ के शेयर

तीन चुनावीं राज्यों में भाजपा की जीत के बाद राजनीतिक स्थिरता की स्थिति बेहतर होने से शेयरों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये के निवेश में से करीब 43,000 करोड़ रुपये का प्रवाह दिसंबर के पहले दो सप्ताह में हुआ है.

तीन चुनावीं राज्यों में भाजपा की जीत के बाद राजनीतिक स्थिरता की स्थिति बेहतर होने से शेयरों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये के निवेश में से करीब 43,000 करोड़ रुपये का प्रवाह दिसंबर के पहले दो सप्ताह में हुआ है.

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Mithilesh Kumar
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FPI Inflow in Indian stock market

विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) ने 2023 में भारतीय शेयर बाजार में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये डाले हैं.

FPIs flood Indian equity markets, infuse Rs 1.5 lakh crore in 2023 despite global uncertainty :विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) ने 2023 में भारतीय शेयर बाजार में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये डाले हैं. तीन महत्वपूर्ण राज्यों में हाल के चुनावों में भाजपा की जीत के बाद राजनीतिक स्थिरता की स्थिति बेहतर होने से शेयरों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये के निवेश में से करीब 43,000 करोड़ रुपये का प्रवाह दिसंबर के पहले दो सप्ताह में हुआ है. माना जा रहा है कि एफपीआई प्रवाह के लिए यह सबसे अच्छा साल हो सकता है.

निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बीच देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भरोसे के चलते भारतीय बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों का आकर्षण बना हुआ है. जानकारों का मानना है कि एफपीआई का यह सकारात्मक रुख अगले साल यानी 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है. 

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2023 में अबतक FPI का कुल निवेश दो लाख करोड़ से अधिक रहा

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अबतक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके अलावा डेट मार्केट या बॉन्ड बाजार में भी उन्होंने लगभग 60,000 करोड़ रुपये डाले हैं. कुल मिलाकर उनका निवेश दो लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. 

एक्सपर्ट की राय

मॉर्निंगस्टोर इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि आगे चलकर अगले साल होने वाले आम चुनाव के बीच राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक वृद्धि विदेशी निवेशकों के लिए प्रमुख मुद्दा रहेगी. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर महंगाई दर और ब्याज दर परिदृश्य भारतीय शेयरों में विदेशी प्रवाह की दिशा तय करेगा. उन्होंने कहा कि अपनी मजबूत आर्थिक वृद्धि के साथ भारत एफपीआई के आकर्षण का केंद्र बना रहेगा.

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एफपीआई ने 2021 में शेयरों में शुद्ध रूप से 25,752 करोड़ रुपये, 2020 में 1.7 लाख करोड़ रुपये और 2019 में 1.01 लाख करोड़ रुपये डाले थे. श्रीवास्तव ने कहा कि 2022 में विदेशी निवेशकों का प्रवाह काफी हद तक अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित बाजारों में महंगाई दर और ब्याज दर परिदृश्य, मुद्रा के उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल की कीमतों, भू-राजनीतिक परिदृश्य और घरेलू अर्थव्यवस्था की सेहत जैसे कारकों से प्रेरित था. 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, ‘‘भारत एफपीआई के लिए शीर्ष निवेश गंतव्य है. वैश्विक निवेशक समुदाय के बीच यह आम राय है कि आगामी वर्षों में सतत वृद्धि की दृष्टि से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत की स्थिति सबसे बेहतर है.

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