/financial-express-hindi/media/post_banners/QnXJApTZr79IFZORq7hD.jpg)
अप्रैल में एफपीआई यानी विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर्स में 11,630 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये डॉले थे. (फोटो एक्सप्रेस ड्राइव)
FPIs to Indian Shores; Rs 23,152 Crore Investment in May so Far: विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) ने मई के पहले पखवाड़े में भारतीय शेयर बाजारों में दिलचस्पी दिखाते हुए 23,152 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. अमेरिका के सेट्रल बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और वृद्धि की गुंजाइश घटने, मजबूत वृहद आर्थिक परिदृश्य और कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर रहने के बीच विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार की तरफ आकर्षण बढ़ा है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार इसके साथ ही एफपीआई 2023 में 8,572 करोड़ रुपये के साथ शुद्ध लिवाल बन गए हैं.
विदेशी निवेशक भारत में जारी रखेंगे लिवाली: एक्सपर्ट
सैंक्टम वेल्थ (Sanctum Wealth) के प्रोडक्ट्स एंड सॉल्यूशन को-हेड मनीष जेलोका (Manish Jeloka) ने कहा कि आगे चलकर शेष माह में भी FPI फ्लो मजबूत रहने की उम्मीद है, क्योंकि अमेरिका के गैर-कृषि पेरोल (US non-farm payroll numbers) और कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI numbers) आधारित महंगाई के आंकड़े उम्मीद के अनुरूप रहे हैं. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने बताया कि रुपया मजबूत बना हुआ है और निकट भविष्य में डॉलर में गिरावट की संभावना है. ऐसे में विदेशी निवेशक भारत में लिवाली जारी रखेंगे. भारत के वृहद संकेतकों में सुधार से भी यहां प्रवाह बढ़ेगा.
FPI का भारतीय शेयर में बढ़ रहा निवेश
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने 2 से 12 मई के दौरान भारतीय शेयर बाजार में 23,152 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. इससे पहले अप्रैल में उन्होंने शेयरों में 11,630 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये डॉले थे. मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और वृद्धि की संभावना घटने, मजबूत घरेलू वृहद परिदृश्य और बेहतर तिमाही नतीजों की वजह से भारतीय बाजार के प्रति एफपीआई का आकर्षण बढ़ा है. मई के पहले पखवाड़े में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में 68 करोड़ रुपये डाले हैं