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FPI: भारतीय शेयरों से विदेशी निवेशकों का भरोसा उठा! दिसंबर के तीसरे हफ्ते में बेचे 976 करोड़ के शेयर

FPI Outflow: पिछले सप्ताह की शुरुआत में पहले दो कारोबारी सत्रों के दौरान विदेशी निवेशकों ने 3,126 करोड़ के शेयर खरीदे. बाद के तीन कारोबारी सत्रों में उन्होंने 4,102 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की.

FPI Outflow: पिछले सप्ताह की शुरुआत में पहले दो कारोबारी सत्रों के दौरान विदेशी निवेशकों ने 3,126 करोड़ के शेयर खरीदे. बाद के तीन कारोबारी सत्रों में उन्होंने 4,102 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की.

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FE Hindi Desk
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FPI Inflow

दिसंबर 2024 में अभी भी विदेशी निवेशकों का रुख सकारात्मक बना हुआ और उन्होंने माह के दौरान भारतीय शेयरों में 21,789 करोड़ रुपये डाले हैं. (Image: FE File)

दिसंबर में लगातार दो हफ्ते तक लिवाल रहने के बाद विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) ने पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों से 976 करोड़ रुपये निकाले हैं. मजबूत अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी में 10 साल के बॉन्ड यील्ड बढ़ने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सप्ताह की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ की. पहले दो कारोबारी सत्रों (16-20 दिसंबर) के दौरान उन्होंने शेयरों में 3,126 करोड़ रुपये का निवेश किया. हालांकि, बाद में उनके रुख में बदलाव आया और उन्होंने तीन सत्रों में 4,102 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की. इस तरह सप्ताह के दौरान उन्होंने शुद्ध रूप से 976 करोड़ रुपये की निकासी की. हालांकि, इसके बावजूद दिसंबर में एफपीआई का रुख सकारात्मक बना हुआ और उन्होंने माह के दौरान भारतीय शेयर बाजार में 21,789 करोड़ रुपये डाले हैं.

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मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक और भविष्य की नीतिगत समीक्षा के नतीजों को लेकर अनिश्चितता के बीच एफपीआई सतर्क रुख अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व ने इस साल तीसरी बार ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है, लेकिन उसने भविष्य में दरों में कम कटौती का संकेत दिया है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई और वैश्विक बाजार में बिकवाली शुरू हो गई. उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऊंचे मूल्यांकन, कंपनियों के सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजों, दिसंबर के नतीजे कमजोर रहने के अनुमान, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की सुस्त रफ्तार तथा रुपये में गिरावट से विदेशी निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में मजबूती तथा 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने की वजह से एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत से संबंधित मुद्दे मसलन वृद्धि को लेकर चिंता तथा कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने की वजह से भी एफपीआई की धारणा प्रभावित हुई है.

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इससे पहले नवंबर में एफपीआई ने 21,612 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की भारी निकासी की थी. दिलचस्प बात यह है कि सितंबर में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 57,724 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, जो नौ माह का उच्चस्तर है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में अबतक एफपीआई का भारतीय शेयर बाजारों में निवेश 6,770 करोड़ रुपये रहा है.

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