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FPI Outflow: जनवरी में अबतक विदेशी निवेशकों ने बेचे 44396 करोड़ के शेयर, बान्ड बाजार से भी की निकासी

FPI : विदेशी निवेशकों ने इस महीने 17 जनवरी तक भारतीय शेयरों से 44,396 करोड़ रुपये की निकासी की है. दो जनवरी को छोड़कर इस महीने के सभी दिन एफपीआई बिकवाल रहे हैं.

FPI : विदेशी निवेशकों ने इस महीने 17 जनवरी तक भारतीय शेयरों से 44,396 करोड़ रुपये की निकासी की है. दो जनवरी को छोड़कर इस महीने के सभी दिन एफपीआई बिकवाल रहे हैं.

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FE Hindi Desk
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FPI Inflow

नए साल में विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजारों से लगातार निकासी का सिलसिला जारी है. (Image: FE File)

FPIs take out Rs 44396 crore from equities in January so far: डॉलर की मजबूती, अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की आशंका के बीच विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई ने जनवरी में अबतक 44,396 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. शेयर्स के अलावा एफपीआई ने बॉन्ड बाजार से भी निकासी की है. इस दौरान बॉन्ड बाजार में  उन्होंने डेट जनरल लिमिट (Debt General Limit) के तहत 4,848 करोड़ रुपये और वालुंटरी रिटेंशन रूट (Debt voluntary retention route) के जरिए 6,176 करोड़ रुपये निकाले हैं.

विदेशी निवेशकों ने इस महीने 17 जनवरी तक भारतीय शेयरों से 44,396 करोड़ रुपये की निकासी की है. दो जनवरी को छोड़कर इस महीने के सभी दिन एफपीआई बिकवाल रहे हैं. इससे पहले दिसंबर में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 15,446 करोड़ रुपये डाले थे. घरेलू और वैश्विक मोर्चे पर तमाम तरह की अड़चनों की वजह से विदेशी निवेशकों के रुख में बदलाव हुआ है.

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मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारतीय रुपये में लगातार गिरावट ने विदेशी निवेशकों पर काफी दबाव डाला है. यही वजह है कि वे भारतीय बाजार से अपना निवेश निकाल रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा हाल की गिरावट के बावजूद भारतीय शेयरों का ऊंचा मूल्यांकन, कमजोर तिमाही नतीजों की संभावना, आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को लेकर अनिश्चितता निवेशकों को प्रभावित कर रही है. 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘एफपीआई की लगातार बिकवाली की मुख्य वजह डॉलर की मजबूती और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड का बढ़ना है. डॉलर सूचकांक 109 से ऊपर है और 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.6 फीसदी से अधिक है. ऐसे में एफपीआई का उभरते बाजारों में बिकवाली करना तर्कसंगत है, खासकर सबसे महंगे उभरते बाजार भारत में.’’ चूंकि अमेरिका में बॉन्ड यील्ड आकर्षक बना हुआ है, ऐसे में एफपीआई डेट मार्केट या बॉन्ड बाजार में भी बिकवाली कर रहे हैं. उन्होंने बॉन्ड बाजार में सामान्य सीमा के तहत 4,848 करोड़ रुपये और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 6,176 करोड़ रुपये निकाले हैं.

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कुल मिलाकर यह रुझान विदेशी निवेशकों के सतर्क रुख को दर्शाता है, जिन्होंने 2024 में भारतीय शेयरों में सिर्फ 427 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. इससे पहले 2023 में एफपीआई का भारतीय शेयरों में निवेश 1.71 लाख करोड़ रुपये रहा था. 2022 में वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में आक्रामक वृद्धि के बीच एफपीआई ने भारतीय बाजार से 1.21 लाख करोड़ रुपये निकाले थे.

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