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जोमैटो और स्विगी, दोनों कंपनियों की कारोबारी गतिविधियां उनके ही ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लिस्टेड कुछ चुनिंदा रेस्तरां को ही लाभ पहुंचा रही थीं. (Image: Reuters, CCI)
India finds Zomato, Swiggy food delivery businesses breached antitrust laws, documents show: ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनी जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) को लेकर बड़ी अपडेट सामने आ रही है. Zomato और Swiggy, दोनों कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्मों पर लिस्टेड रेस्टोरेंट चेनों का पक्ष लेते हुए एंट्री ट्रस्ट नियमों का उल्लंघन किया. एंट्री ट्रस्ट बॉडी कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के हवाले से समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी शुक्रवार को दी. रिपोर्ट में बताया गया है कि Zomato कम कमीशन के बदले में पार्टनर रेस्टोरेंट के साथ खास तरह के समझौते में शामिल हुआ. वही स्विगी ने कुछ प्लेयर्स को अपने प्लेटफॉर्म पर एक्सक्लूसिव तौर पर लिस्टेड होने के लिए कारोबार में बढ़ावा का आश्वासन दिया.
CCI की जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि Swiggy और Zomato अपने पार्टनर रेस्टोरेंट के साथ ऐसे समझौते करते हैं जिनसे बाजार में कॉम्पटीशन कम होती है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक गोपनीयता कारणों से CCI का इनवेस्टिगेशन रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से सभी के लिए उपलब्ध नहीं हैं. हालांकि इन्हें मार्च 2024 में स्विग्गी, जोमैटो और शिकायत करने वाले पार्टनर रेस्टोरेंट के साथ साझा किए गए थे. उनके फाइनल निष्कर्षों की जानकारी पहले नहीं दी गई थी. जोमैटो ने इस पर टिप्पणी करने से मना कर दिया, जबकि स्विग्गी और CCI ने रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया.
करीब दो साल पहले दोनों प्लेटफार्म पर कथित अनुचित व्यापार व्यवहार करने का आरोप लगा था. 2022 में नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की शिकायत पर स्विग्गी और जोमैटो के खिलाफ ये जांच शुरू हुई थी. शिकायत में कहा गया था कि दोनो प्लेटफॉर्म्स की कॉम्पटीशन कम करने वाली गतिविधियों से खाने-पीने के आउटलेट्स पर बुरा असर पड़ रहा है. इस शिकायत के आधार पर Swiggy और Zomato के खिलाफ एंट्री ट्रस्ट बॉडी द्वारा जांच शुरू की गई थी.
CCI मामले का अगला और अंतिम निर्णय अधिकारियों को लेना है. वे अभी भी जांच के नतीजों की समीक्षा कर रहे हैं ताकि यह तय किया जा सके कि स्विग्गी और ज़ोमैटो के व्यापार व्यवहार को लेकर कोई दंड या बदलाव किया जाए या नहीं. यह निर्णय लेने में कुछ हफ्ते लग सकते हैं. दोनों कंपनियों के पास CCI के सामने जांच के नतीजों को चुनौती देने का विकल्प भी होगा.
साल 2021 में शेयर बाजार में लिस्टेड हुई ज़ोमैटो ने देखा है कि इसके शेयर का वैल्यू तीन गुना से अधिक हो गया है, जिससे इसका कुल वैल्यू लगभग 27 अरब डॉलर हो गया है. वहीं, स्विग्गी अपने आईपीओ में 11.3 अरब डॉलर का वैल्यूएशन कर रहा है.
मैक्रोक्वेरी कैपिटल का अनुमान है कि 2024-25 में स्विग्गी के फूड ऑर्डर का कुल वैल्यू 3.3 अरब डॉलर होगा, जो ज़ोमैटो के मुकाबले लगभग 25% कम है. दोनों कंपनियां अब तेजी से क्विक कॉमर्स में कदम रख रही हैं, जहां घर में इस्तेमाल होने वाली चीजों को सिर्फ 10 मिनट में डिलीवर किया जाता है.
पिछले महीने सामने आइ रॉयटर्स के एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के सबसे बड़े रिटेल डिस्ट्रीब्यूट के ग्रुप ने ज़ोमैटो, स्विग्गी और एक अन्य प्रतिद्वंद्वी ज़ेप्टो की क्विक कॉमर्स व्यवसायों की जांच करने के लिए प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण से अनुरोध किया है. उन पर आरोप है कि वे शिकार करने वाली कीमतें (predatory pricing) रखते हैं.