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IT Sector: आईटी कंपनी एक्सेंचर (Accenture) के लिए दूसरी तिमाही मजबूत रही है.
Indian IT Sector Outlook: आईटी कंपनी एक्सेंचर (Accenture) के लिए दूसरी तिमाही मजबूत रही है. कंपनी का रेवेन्यू सीसी के टर्म में 9 फीसदी सालाना बढ़कर 1580 करोड़ डॉलर रहा है, जो गाइडेंस के अपर एंड (6-10% in LC) के करीब है. हालांकि वित्त वर्ष 2023 के लिए रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस 8-10 फीसदी से घटाकर 8-11 फीसदी कर दिया है. दूसरी तिमाही से संकेत मिला है कि लार्ज ट्रांसफॉर्मेशन डील के लिए मांग बढ़ रही है. फिलहाल मजबूत नतीजों के बाद घरेलू आईटी कंपनियों के शेयरों में भी आज जोरदार तेजी देखने को मिली. टीसीएस, एचसीएल, विप्रो और इंफोसिस जैसे शेयरों में आज हलचल रही. ब्रोकरेज हाउस ने एक्सचेंजर के नतीजों के बाद घरेलू आईटी सेक्टर और शेयर में निवेश को लेकर रिपोर्ट जारी की है.
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लार्ज ट्रांसफॉर्मेशन डील के लिए मांग बढ़ी
Kotak Securities के रिसर्च एनालिस्ट एंड वाइस प्रेसिडेंट, सुमित पोखरना का कहना है कि एक्सेंचर के तिमाही नतीजे इस बात का संकेत देते हैं कि लार्ज ट्रांसफॉर्मेशन डील के लिए मांग बढ़ रही है, जैसा कि मजबूत टीसीवी द्वारा साफ किया गया है. दिलचस्प बात यह है कि मांग पर एक्सेंचर के मैनेजमेंट की कमेंट्री से संकेत मिलता है कि बिगड़ती मैक्रो के बावजूद टेक्नोलॉजी मॉडर्नाइजेशल पर खर्च जारी है. हाई-टेक जैसे वर्टिकल कॉस्ट-टेक-आउट पर अधिक फोकस कर रहे हैं, जबकि बीमा और एनर्जी सेक्टर तकनीक अपनाने के माध्यम से विकास को गति देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
लार्जकैप आईटी कंपनियां कर सकती हैं बेहतर
ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल के अनुसार एक्सेंचर का रेवेन्यू दूसरी तिमाही में कंपनी द्वारा दिए गए गाइडेंस के अपर एंड के करीब रहा है. हालांकि यह पिछली कुछ तिमाहियों में देखे गए आउटपरफॉर्मेंस से कम थी. कंपनी ने FY23 के लिए अपने ऑर्गेनिक रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस के मिड प्वॉइंट को बरकरार रखा है (6-8% vs पहले 5.5-8.5%). कंपनी के कंसल्टिंग बिजनेस में डील इनटेक और रेवेन्यू ग्रोथ दोनों में नरमी देखी गई है, जबकि मैनेज्ड सर्विसेज ने अपने मजबूत ग्रोथ मोमेंटम को बनाए रखा है. रेवेन्यू और डील बुकिंग की बात करें तो Q2 में CC के टर्म में 16% और 37% YoY ग्रोथ रही है. बुक-टु-बिल 1.5x पर है.
बड़े ट्रांसफॉर्मेशन डील के चलते दूसरी तिमाही में डील बुकिंग मजबूत रही है. ग्राहक मैक्रो अनिश्चितताओं के बीच सतर्क हो रहे हैं, जिससे निर्णय लेने में देरी हो रही है और इसके चलते छोटी डील में ठहराव आ गया है. इससे तिमाही डील बुकिंग में अस्थिरता बढ़ सकती है. जिसके चलते टियर-1 और टियर-2 कंपनियों के बीच ग्रोथ का अंतर भी कम हो सकता है. कंसल्टिंग में कमजोरी, छोटी डील के फ्लो में नरमी और मैक्रो अनिश्चितताओं के बीच निर्णय लेने में सुस्ती के कारण डिमांड में कमी आई है, फिर भी मांग लचीली बनी हुई है. इसलिए सेक्टर में तेज गिरावट की चिंता नहीं है. ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि डील-मिक्स में बदलाव और रिलेटिव वैल्यूएशन को देखते हुए हम मिड-कैप के मुकाबले लार्ज-कैप को तरजीह देते हैं.
टॉप पिक्स
टियर -1 स्पेस में Infosys, WPRO, TECH Mahindra, HCL Tech और TCS
मिड-कैप में Zomato, Firstsource Solutions, Eclerx Services, Mphasis, Birlasoft, Persistent Systems
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)