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सप्ताह के दौरान आयशर मोटर्स, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, वोडाफोन आइडिया, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी. Photograph: (FE File)
Market Outlook this week: भारतीय शेयर बाजारों की चाल इस हफ्ते आने वाले अमेरिकी और भारत के महंगाई दर और अन्य वृहद आर्थिक आंकड़ों से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. उनका मानना है कि बाजार पर विदेशी निवेशकों की गतिविधियां भी असर डालेंगी. साथ ही कंपनियों के तिमाही नतीजे और रुपये-डॉलर का रुख भी बाजार के लिए अहम रहने वाला है.
एक्सपर्ट्स की राय
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया ने कहा कि यह सप्ताह भारतीय और विदेशी बाजारों के लिए गतिविधियों वाला होगा. सप्ताह के दौरान महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े और कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं. महंगाई दर, औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े और प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगे.
सिंघानिया ने बताया कि बुधवार को जनवरी के लिए अमेरिकी के महंगाई दर के आंकड़ें आने हैं. निवेशकों की नजर इस पर रहेगी. उन्होंने कहा कि भारत के महंगाई दर और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े 12 फरवरी को जारी किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि गुरूवार को ब्रिटेन के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े आएंगे. शुक्रवार को अमेरिका के जनवरी महीने के रिटेल सेल के आंकड़े आएंगे. उन्होंने कहा कि कंपनियों के तिमाही नतीजे भी बाजार के लिए अहम रहेंगे. सप्ताह के दौरान आयशर मोटर्स, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, वोडाफोन आइडिया, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अच्छे बजट और आरबीई एमपीसी द्वारा रेपो दर में कटौती से बाजार की धारणा में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत से लघु अवधि में बाजार की धारणा पर सकारात्मक असर पड़ेगा.
पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 354.23 अंक या 0.45 फीसदी चढ़ा, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 77.8 अंक या 0.33 फीसदी के लाभ में रहा. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि आगे चलकर निवेशकों की नजर कंपनियों के तिमाही नतीजों और आगामी वृहद आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी. इनमें औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर और थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर के आंकड़ें शामिल हैं. इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर भी निवेशकों की निगाह रहेगी.