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Market Outlook: सप्ताह के दौरान कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों और अंतरराष्ट्रीय कारकों के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. (Image: )
Market Outlook this week: शेयर बाजारों की दिशा इस हफ्ते कंपनियों के तिमाही नतीजों, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि सप्ताह के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. पिछले दिन एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने अपनी दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए. जानकारों का कहना है कि इस हफ्ते बाजार कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों से प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव की वजह से भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ने की आशंका है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है तथा बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
इन पर रहेगी सभी की निगाहें
इस हफ्ते आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे आने हैं. इसके अलावा सप्ताह के दौरान बजाज हाउसिंग फाइनेंस, अडाणी ग्रीन एनर्जी, बजाज फाइनेंस, वन97 कम्युनिकेशंस, जोमैटो, बजाज फिनसर्व और बैंक ऑफ बड़ौदा के भी तिमाही नतीजे आएंगे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा कि कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों पर सभी की निगाह रहेगी. इसके अलावा इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव की वजह से भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ने की आशंका है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है तथा बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) अभी तक भारतीय बाजार के प्रदर्शन में प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं. उनका रुख वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और घरेलू राजनीतिक घटनाक्रम पर निर्भर करेगा.
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा कि किसी भी प्रमुख संकेतक के अभाव में बाजार भागीदारों की निगाह कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगी. सबसे पहले वे एचडीएफसी बैंक और कोटक बैंक जैसे बड़े बैंकों के परिणामों पर प्रतिक्रिया देंगे.
एचडीएफसी बैंक का सितंबर तिमाही का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट 5 फीसदी बढ़कर 17,825.91 करोड़ रुपये रहा. बैंक का तिमाही नतीजा शनिवार को आया था. स्टैंडअलोन बेसिस पर प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक का नेट प्रॉफिट सितंबर तिमाही में बढ़कर 16,820.97 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह आंकड़ा 15,976.11 करोड़ रुपये था. पिछले दिन कोटक महिंद्रा बैंक ने भी सितंबर तिमाही के लिए नतीजे जारी किए थे. बैंक का सितंबर तिमाही का मुनाफा 13 फीसदी बढ़ा है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंक का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट 5,044 करोड़ रुपये रहा. इस दौरान बैंक का नेट प्रॉफिट पांच फीसदी बढ़कर 3,344 करोड़ रुपये हो गया है.
उन्होंने बताया कि इसके बाद आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी कंपनियां भी अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी. इसके अलावा सप्ताह के दौरान बजाज हाउसिंग फाइनेंस, अडाणी ग्रीन एनर्जी, बजाज फाइनेंस, वन97 कम्युनिकेशंस, जोमैटो, बजाज फिनसर्व और बैंक ऑफ बड़ौदा के भी तिमाही नतीजे आएंगे.
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि जिओ-पॉलिटिकल टेंशन अनिश्चितता, चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती और घरेलू बाजारों से लगातार एफआईआई की निकासी के कारण निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं. पिछले हफ्ते विदेशी कोषों की भारी निकासी से घरेलू बाजार में गिरावट आई. पिछले हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 156.61 अंक या 0.19 फीसदी नीचे आया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 110.2 अंक या 0.44 फीसदी की गिरावट आई.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफआईआई की बिकवाली और डीआईआई (घरेलू संस्थागत निवेशकों) की खरीद का रुझान निकट भविष्य में बरकरार रहने की संभावना है. विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली की वजह भारत में ऊंचा मूल्यांकन और चीन के शेयरों का सस्ता वैल्यूएशन है.