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पिछले हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 657.48 अंक या 0.84 फीसदी चढ़ गया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 225.9 अंक या 0.95 फीसदी का लाभ रहा. (Image: FE File)
Market Outlook this week: शेयर बाजार की दिशा इस हफ्ते व्यापक आर्थिक आंकड़ों, विदेशी निवेशकों की गतिविधियों और ग्लोबल ट्रेंड जैसे कारकों से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. इस हफ्ते नए कैलेंडर ईयर और महीने की शुरुआत भी हो रही है. सप्ताह के दौरान वाहन बनाने वाली ऑटो कंपनियां मंथली सेल डेटा जारी करेंगी. इसी शुक्रवार को रुपये ने लगभग दो साल में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की और अपने जीवनकाल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. निवेशकों की नजर रुपये की स्थिति पर होगी. पिछले हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 657.48 अंक या 0.84 फीसदी चढ़ गया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 225.9 अंक या 0.95 फीसदी का लाभ रहा.
एक्सपर्ट्स की राय
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्स हेड संतोष मीना ने कहा कि लगातार विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिक्री भारतीय बाजारों पर दबाव बना रही है, और नए साल में उनका रुख निकट भविष्य के रुझानों को आकार दे सकता है. इस दौरान मंथली ऑटो सेल डेटा पर भी नजर रखी जाएगी. जैसे-जैसे तीसरी तिमाही (Q3) के अर्निंग रिपोर्ट का समय नजदीक आ रहा है, कंपनियों के तिमाही अपडेट धीरे-धीरे आने लगेंगे. ये अपडेट बाजार की अपेक्षाओं को आकार देने में मदद करेंगे.
सप्ताह के दौरान ऑटो स्टॉक्स मंथली सेल डेटा की घोषणा के बीच सुर्खियों में रहने वाले हैं. रेग्लियर ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च हेड अजीत मिश्रा का कहना है कि जैसे ही नए कैलेंडर ईयर और महीने की शुरूआत होगी, ऑटो बिक्री के आंकड़ों पर निवेशकों को नजर होगी. अगर कोई महत्वपूर्ण घटना नहीं होती है, तो निवेशक आमतौर पर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के प्रवाह और करेंसी की गतिविधियों पर नजर रखेंगे. खासकर तब जब रुपये की स्थिति अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होती जा रही है. ये फैक्टर निकट भविष्य में बाजार की दिशा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने मानना है कि जैसे-जैसे कंपनियों के तिमाही परिणाम आने लगेंगे, निवेशक इन आंकड़ों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करेंगे ताकि वे यह समझ सकें कि बाजार कैसे प्रतिक्रिया कर सकता है. यदि कंपनियों के परिणाम अच्छे होते हैं, तो यह बाजार में सकारात्मक भावना पैदा कर सकता है, जबकि कमजोर परिणामों से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा, बजट से पहले की उम्मीदें भी निवेशकों के निर्णयों को प्रभावित करेंगी, जिससे वे अपने निवेश रणनीतियों को बदल सकते हैं.
इसके अलावा भारत, अमेरिका और चीन के लिए PMI (Purchasing Managers' Index) डेटा, साथ ही अमेरिका में बेरोजगारी के दावे, निवेशकों के मनोबल को प्रभावित करेंगे, जिससे वे अपने निवेश निर्णयों को आकार देंगे. पिछले सप्ताह बाजार में स्थिरता थी, लेकिन कुछ अस्थिरता भी देखी गई थी. FIIs की गतिविधियाँ कम थीं क्योंकि वे छुट्टियों के कारण कम मात्रा में व्यापार कर रहे थे और अधिकतर बेचने वाले बने रहे.
मास्टर ट्रस्ट समूह के निदेशक पुणीत सिंघानिया का मानना है कि बाजार का रुख भारत के बुनियादी ढांचे के आंकड़ों, विनिर्माण पीएमआई, ब्रिटेन एसएंडपी वैश्विक विनिर्माण पीएमआई, अमेरिका के प्रारंभिक बेरोजगारी दावों जैसे प्रमुख घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों से निर्देशित होगा. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि निकट भविष्य में कोई महत्वपूर्ण ट्रिगर्स नहीं होने के कारण, बाजार सीमाबद्ध रहने की संभावना है.