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Market Outlook: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भी बाजार की दिशा प्रभावित होगी. (Image: FE File)
Market Outlook this week: शेयर बाजारों की दिशा इस हफ्ते ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी. मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान के चलते इस हफ्ते बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भी बाजार की दिशा प्रभावित होगी. विशेषज्ञों ने यह राय जताई है.अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती के बाद पिछले हफ्ते स्थानीय शेयर बाजारों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली.
पिछले हफ्ते शुक्रवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,359.51 अंक या 1.63 फीसदी के उछाल के साथ 84,544.31 अंक के रिकॉर्ड हाई पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान यह 1,509.66 अंक या 1.81 फीसदी चढ़कर 84,694.46 के अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था. इसी तरह उसी दिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 375.15 अंक या 1.48 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 25,790.95 अंक के स्तर पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान निफ्टी 433.45 अंक या 1.70 फीसदी की बढ़त के साथ 25,849.25 अंक के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था. बीते हफ्ते सेंसेक्स 1,653.37 अंक या 1.99 फीसदी के लाभ में रहा. वहीं निफ्टी में 434.45 अंक या 1.71 फीसदी का उछाल आया.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती का उभरते बाजारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और भारतीय शेयर बाजार विदेशी निवेशकों के बीच पसंदीदा जगह बनकर उभरा है. उन्होंने कहा कि हफ्ते के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने आक्रामक लिवाली की. अकेले शुक्रवार को ही एफआईआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 14,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया. उनका मानना है कि इस हफ्ते बाजार को दिशा देने वाला कोई बड़ा संकेतक नहीं है. हालांकि, अमेरिका के वृहद आर्थिक आंकड़े बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे. एफआईआई प्रवाह भारतीय शेयर बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बना रहेगा, साथ ही घरेलू संस्थागत प्रवाह पर भी सभी की निगाह रहेगी.’’
हालांकि, बाजार फिलहाल भू-राजनीतिक जोखिमों से प्रभावित नहीं दिख रहा है, लेकिन यह आगे बाजार के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकता है. मीणा ने कहा कि डेरिवेटिव निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि बाजार धीरे-धीरे ऊपर चढ़ रहा है. हमें उम्मीद है कि मजबूत एफआईआई प्रवाह, स्वस्थ घरेलू वृहद कारक और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के बारे में घटती चिंता के कारण इस हफ्ते भी इसकी सकारात्मक रफ्तार जारी रहेगी.
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा ने कहा कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की प्रमुख घटना पीछे रह गई है, लेकिन आगे भी बाजार की दिशा के लिए सभी का ध्यान अमेरिका पर रहेगा. इसके अलावा विदेशी कोषों के प्रवाह और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी निवेशकों की निगाह रहेगी.